नई दिल्लीः सावन को भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है. 17 जुलाई से सावन का पवित्र माह शुरू हो गया है और पूरा माहौल शिवमय हो गया है. कांवड़िए भी कांवड़ यात्रा के लिए निकल चुके हैं. मान्यता है कि इस महीने में ऐसा कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए, जो भगवान शिव को पसंद न हों. नहीं तो व्यक्ति को भगवान शिव के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है. शिव पुराण के अनुसार सावन के माह में पूजा-पाठ करने के साथ ही कुछ नियम भी होते हैं, जिनका इस माह में पालन करना जरूरी होता है. ऐसा करने से भगवान शिव अपने श्रद्धालुओं पर अपनी कृपा बरसाते हैं. तो चलिए जानते हैं क्या हैं वह नियम-


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जलाभिषेक में हल्दी का इस्तेमाल-
श्रद्धालु इस बात का खास ख्याल रखें कि भगवान शिव का जलाभिषेक करते समय वह जल या दूध में हल्दी न मिलाएं. सावन के महीने में किसी भी तरह से भगवान शिव को हल्दी अर्पित न करें और न ही उनकी हल्दी से पूजा करें. क्योंकि सावन में हल्दी का इस्तेमाल पूरी तरह से वर्जित है.


गुरु पूर्णिमा पर हरिद्वार में लगी श्रद्धालुओं की भीड़, बुधवार से शुरू होगी कांवड़ यात्रा


दूध का सेवन-
सावन के दौरान व्रतधारियों को दूध का सेवन नहीं करना चाहिए. दरअसल, सावन के दौरान भगवान शिव को दूध चढ़ाया जाता है, इसलिए इस माह में दूध का सेवन मना है. वहीं धार्मिक मान्यता के अलावा एक वैज्ञानिक कारण भी है, जिसके चलते सावन में दूध का सेवन वर्जित होता है. दरअसल सावन में मौसम में होने वाले परिवर्तन से छोटे कीड़े-मकौड़े पनप जाते हैं. जिसे गाय-भैंसें का जाती हैं. इससे दूध हानिकारक हो सकता है. इसलिए भी सावन में दूध का सेवन करने की मनाही होती है.


अमरनाथ यात्रा पर अब तक पहुंचे 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु, टूटा 4 चार का रिकॉर्ड


मांस-मदिरा का सेवन न करें-
सावन के महीने में मास-मदिरा, प्याज, लहसुन का सेवन भी नहीं करना चाहिए. कोशिश करें कि इस माह में सात्विक भोजन खाएं और इन सभी चीजों से दूरी बनाकर रखें. इसके अलावा बैंगन भी न खाएं, क्योंकि शास्त्रों में बैंगन को अशुद्ध माना गया है.