Shani Dosh ke Upay: भूल से भी कभी न करें 5 काम, शनि देव हो जाते हैं नाराज; पूरे परिवार को कर देंगे बर्बाद
Shanivar ke Upay: शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है, जो प्राणियों के कर्मों के अनुसार उचित फल देते हैं. पुराणों के मुताबिक हमें 5 काम भूलकर भी नहीं करने चाहिए वरना शनि देव के क्रोधित होने से परिवार बर्बाद होते देर नहीं लगती.
Remedies for Shani Dosh: आज शनिवार है. इस दिन को शनि देव की आराधना के लिए समर्पित किया गया है. कहते हैं कि शनि देव न्याय के देवता हैं, जो प्रत्येक प्राणी के कर्म के अनुसार उन्हें उचित फल देते हैं. धार्मिक विद्वानों के मुताबिक वे जिस पर प्रसन्न हो जाएं, उसका भाग्योदय होते देर नहीं लगती. वहीं अगर किसी पर शनि की अशुभ छाया पड़ जाए तो उसके कोई भी काम सफल नहीं हो पाते. आज हम शनि की कुदृष्टि से बचने के लिए उन 5 कार्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आपको भूलकर भी नहीं करना चाहिए.
शनि की कुदृष्टि से बचने के उपाय
गंदगी से बना लें दूरी
ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक गंदगी में रहने वाले या गंदगी फैलाने वाले लोगों को कभी भी शनि देव का आशीर्वाद नहीं मिलता है. ऐसे लोगों को हमेशा शनि का क्रोध झेलना पड़ता है और वे सदैव पैसों की तंगी, बीमारी और कष्ट झेलते हैं.
जो लोग शनिवार के दिन या अमावस्या को शराब पीते हैं या तामसिक भोजन करते हैं, उन्हें शनि देव (Shani Dosh ke Upay) कभी माफ नहीं करते. ऐसे लोगों पर शनि की महादशा हावी रहती है. उन्हें हर कदम पर असफलता हाथ लगती है और घर में कलह बढ़ जाती है.
बेजुबान जानवरों को न मारें
शास्त्रों में कहा गया है कि जो लोग बेजुबान जानवरों विशेषकर कुत्तों (Shani Dosh ke Upay)को मारते हैं, उन्हें शनि देव के प्रकोप का सामना करना पड़ता है. ऐसे लोग कभी सुखी नहीं रह पाते और उन्हें अनेक दुखों का सामना करना पड़ता है. वे लोग आर्थिक तंगी झेलने को मजबूर रहते हैं.
सनातन धर्म में पीपल के पेड़ को पवित्रतम और पूजनीय माना गया है. कहते हैं कि पीपल के पेड़ (Shani Dosh ke Upay) को काटने या किसी तरह का नुकसान पहुंचाने वालों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है. ऐसे लोगों से शनि देव कुपित हो जाते हैं और उन्हें जबरदस्त नुकसान झेलना पड़ता है.
बुजुर्गों का अपमान न करें
धार्मिक विद्वानों के मुताबिक जिस घर में माता को अपशब्द कहे जाते हों और बुजुर्गों का अपमान होता हो, वहां पर शनि (Shani Dosh ke Upay) की साढेसाती शुरू हो जाती है. ऐसे लोगों के घर से धन-दौलत धीरे-धीरे रिसनी शुरू हो जाती है और परिवार के लोग कर्ज के जाल में दबते चले जाते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)