नई दिल्ली: शनि जयंती (Shani Jayanti 2020) के दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय वस्तु का दान या सेवन करना चाहिए. शनि की प्रिय वास्तु है- तिल, उड़द, मूंगफली का तेल, काली मिर्च, आचार, लौंग, काले नमक आदि का प्रयोग यथा संभव करना चाहिए. अपने मता-पिता, विकलांग तथा वृद्ध व्यक्ति की सेवा और आदर-सम्मान करना चाहिए. 
हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए. दशरथ कृत शनि स्तोत्र का नियमित पाठ करें. कभी भी भिखारी, निर्बल-दुर्बल या अशक्त व्यक्ति को देखकर मजाक या परिहास नहीं करना चाहिए. शनिवार के दिन छाया पात्र (तिल का तेल एक कटोरी में लेकर उसमें अपना मुंह देखकर शनि मंदिर में रखना) शनि मंदिर में अर्पण करना चाहिए. तिल के तेल से शनि देव शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं.


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काली चीजें जैसे काले चने, काले तिल, उड़द की दाल, काले कपड़े आदि का दान सामर्थ्यानुसार नि:स्वार्थ मन से किसी गरीब को दान करें. ऐसा करने से शनि देव जल्द ही प्रसन्न होकर आपका कल्याण करेंगे. पीपल की जड़ में केसर, चंदन, चावल, फूल मिला पवित्र जल अर्पित करें. शनिवार के दिन तिल के तेल का दीप जलाएं और पूजा करें. सूर्योदय से पूर्व शरीर पर तेल मालिश कर स्नान करें. तेल में बनी खाद्य सामग्री का दान गाय, कुत्ता व भिखारी को करें. शमी का पेड़ घर में लगाएं और उसे जल अर्पण करें. मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.


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शनि देव की पूजा से लाभ
शनि देव की पूजा से मानसिक संताप दूर होता है. घर-गृहस्थी में शांति बनी रहती है. आर्थिक समृद्धि के रास्ते खुल जाते हैं. रुका हुआ काम पूरा हो जाता है. स्वास्थ्य संबंधी समस्या धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है. छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलती है. राजनेता मंत्री पद प्राप्त करते हैं. शारीरिक आलस्यपन दूर होता है.


क्या न करें?
शनि जयंती के दिन चांदी के आभूषण खरीदकर किसी को भी उपहार के रूप में नहीं देना चाहिए, ऐसा करने से व्यक्ति कर्जदार बन जाता है. शनि जयंती के दिन सफेद मोती खरीदकर भेंट करने से यंत्रों से होने वाली दुर्घटना के योग बनने लगते हैं. जयंती पर तांबे के बर्तनों का दान करने से व्यक्ति को व्यापार में घाटा होने लगता है. चांदी, लोहे या फिर स्टील से बनी कैंची खरीदकर उपहार करने से रिश्तों में तनाव आने लगता है. 


लाल रंग के कपड़े खरीदकर किसी को उपहार देने पर व्यक्ति की सामाजिक छवि खराब होने लगती है. शनि जयंती के दिन सफेद रंग के कपड़े खरीद कर गिफ्ट करने पर व्यक्ति को पारिवारिक कलह का सामना करना पड़ता है. चमेली का इत्र खरीद कर किसी को भेंट करने पर व्यक्ति अनेक रोगों से घिरने लगता है. किसी दूसरे के जूते-चप्पल नहीं पहनना चाहिए. शनि जयंती के दिन किसी को भी बिना वहज परेशान नहीं करना चाहिए और न ही झूठ बोलकर अपने कार्य सिद्ध करना चाहिए.


मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्