नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में शनिदेव (Shani Dev) को कर्म एवं न्याय का देवता माना गया है. नवग्रहों में शनि ऐसे देवता हैं, जो अपने साधकों के कर्मों का फल अवश्य देते हैं. शनिदेव भगवान सूर्य एवं छाया के पुत्र हैं. शनिदेव का रंग काला है. ज्योतिष के अनुसार, शनिदेव एक राशि (Zodiac) में तीस महीने तक रहते हैं, जबकि शनि की महादशा 19 वर्ष तक रहती है. मकर एवं कुंभ राशि के स्वामी शनिदेव 29 सितंबर 2020 से अपनी चाल में परिवर्तन करते हुए वक्री से मार्गी हो गए हैं.


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शनि की इस बदली चाल से निश्चित रूप से कई जातकों के जीवन में कठिनाइयां कम होंगी और शुभ फल प्राप्त होने शुरू हो गए होंगे, जबकि कुछ की जिंदगी में समस्याएं सामने आने लगी होंगी. शनि के इस बदलाव का असर कुल 142 दिनों तक 12 राशियों पर देखने को मिलेगा. यदि शनिदेव की बदली चाल से आपके जीवन में समस्याएं आने लगी हों और तमाम तरह के कष्ट मिलने शुरू हो गए हों तो आपको शनिवार (Saturday) के दिन नीचे दिए गये उपायों को जरूर करना चाहिए.


शिव पूजन से दूर होगा शनि दोष
अपने जीवन से शनि की सनसनी दूर करने के लिए शनिवार के दिन भगवान शिव की साधना विधि-विधान से करें. शिव पूजा करने वाले साधक पर शनि की कृदृष्टि नहीं पड़ती है और महादेव के आशीर्वाद से सभी शनिदोष दूर हो जाते हैं. शनिदोष से मुक्ति पाने के लिए शनिवार के दिन शिवलिंग पर 'ॐ नम: शिवाय' बोलते हुए जल से अभिषेक करें. इसके बाद इत्र, अक्षत, फूल आदि चढ़ाएं. साथ ही भगवान शिव को काले तिल भी अर्पित करें.


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शनि की ढैय्या हो या साढ़ेसाती या फिर शनि की महादशा, इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए भगवान शिव के महामंत्र यानी महामृत्युंजय मंत्र (MahaMrityunjay Mantra) का जाप अत्यंत प्रभावशाली माना गया है. इस दिव्य मंत्र से काल, रोग, दु:ख सभी दूर हो जाते हैं.
मंत्र- 'ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारूकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥'


मंत्र जपने के बाद भगवान शिव एवं शनिदेव की आरती करें. ध्यान रहे कि भगवान शिव की आरती शुद्ध देशी घी और कपूर से तथा शनिदेव की आरती तेल के दीपक से करें. आरती के बाद भगवान शिव एवं शनिदेव से अपने कष्टों को दूर करने का आग्रह और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगें. शनि भी शिव भक्त हैं. ऐसे में पूरी श्रद्धा और भक्तिभाव से शिव और शनिदेव की इस पूजा से निश्चित रूप से आपके सभी दु:ख दूर होंगे और मनोकामनाएं पूरी होंगी.


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इन बातों का रखें ध्यान
भगवान शिव और शनिदेव की कृपा पाने के लिए सत्य और सदाचार का पूरा पालन करना होगा. यदि आप किसी के साथ धोखा करते हैं, खुद से कमजोर लोगों (विशेष रूप से मजदूर आदि) पर जुल्म करते हैं, बुरे कार्यों में सहभागी रहते हैं तो आपको इस पूजा का फल नहीं मिलेगा और शनि के दंड का भागी भी बनना पड़ सकता है.


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