Shani Pradosh Vrat 2023 Date: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत शुभ माना गया है. भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत हर महीने के कृष्‍ण पक्ष और शुक्‍ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. इस तरह साल में 24 प्रदोष व्रत रखे जाते हैं. जुलाई महीने का पहला प्रदोष व्रत कल 1 जुलाई 2023, शनिवार को रखा जाएगा. यह आषाढ़ महीने का आखिरी प्रदोष व्रत है. माना जाता है कि प्रदोष व्रत रखने से भोलेनाथ सारी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं. विशेष तौर पर संतान प्राप्ति और संतान सुख के लिए प्रदोष व्रत को बहुत महत्‍वपूर्ण माना गया है. चूंकि यह प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ रहा है इसलिए इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा. शनिवार को प्रदोष व्रत पड़ने से यह भोलेनाथ के अलावा शनि देव की कृपा पाने के लिए भी विशेष है. 


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शनि प्रदोष व्रत 2023 जुलाई 


हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ शुक्‍ल की त्रयोदशी तिथि कल 1 जुलाई को  मध्‍यरात्रि 1 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर रात में 11 बजकर 6 मिनट पर समाप्‍त होगी. प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करने का महत्‍व है. मान्‍यता है कि जो व्‍यक्ति सच्‍चे मन से प्रदोष व्रत करता है और विधि-विधान से शिव जी की पूजा करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. साथ ही इस व्रत को करने से 2 गायों के दान करने जितना फल मिलने की भी मान्‍यता है. प्रदोष व्रत की पूजा का पूरा फल पाने के लिए प्रदोष काल का समय सर्वश्रेष्‍ठ होता है. 


शनि प्रदोष व्रत पूजा विधि


प्रदोष के दिन सुबह सूर्योदय से पहले जागकर स्‍नान कर लें. बेहतर होगा कि सफेद कपड़े पहनें. फिर प्रदोष व्रत करने का संकल्‍प लें. प्रदोष काल में भोलेनाथ की पूजा करें. इसके लिए पूजा स्‍थल को गंगाजल से शुद्ध करें. फिर शिवलिंग रखकर उसकी विधि-विधान से पूजा करें. भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, अक्षत, फल आदि अर्पित करें. इस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें. शनि प्रदोष के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. इसके अलावा शनि मंदिर में भी सरसों के तेल का दीपक जलाएं. इससे शनि दोष भी दूर होगा. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)