Sheetala Ashtami 2024 Upay: शीतला माता के भक्तों के लिए शीतला अष्टमी का त्योहार काफी खास माना जाता है. वैदिक पंचांग के अनुसार शीतला चैत्र महीने की अष्टमी तिथि या कहा जाए की होली के 8 दिन बाद शीतला अष्टमी मनाई जाती है. इस साल शीतला अष्टमी का त्योहार 2 अप्रैल को मनाया जाएगा. शीतला अष्टमी को बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है. 


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शीतला अष्टमी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति शीतला माता के लिए ये व्रत विधि विधान से रखता है उसे हर रोग से मुक्ति मिलती है और लंबी आयु का वरदान मिलता है. इस दिन कुछ उपायो को करना काफी फायदेमंद माना जाता है. इन उपायो को करने से जीवन की कई मुश्किलों से छुटकारा पाया जा सकता है. आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में.


 


नेगेटिविटी दूर करने के लिए
अगर आपके घर में नकारात्मकता का वास हो रहा है और अक्सर घर में लड़ाई-झगड़े या मन में नेगेटिव विचार आते रहते हैं तो आप ये उपाय आजमा सकते हैं. शीतला अष्टमी के दिन शीतला माता की पूजा करने के बाद नीम के पेड़ की पूजा करें. इसके बाद 7 बार नीम के पेड़ की परिक्रमा करें. इसे नकारात्मकता का नाश होता है और मन भी शांत रहता है.


 


बीमारियों से छुटकारे के लिए
अगर आपको कोई बीमारी लंबे समय से परेशान कर रही है तो आप ये उपाय आजमा सकते हैं. शीतला अष्टमी के दिन पूजा में माता शीतला को हल्दी चढ़ाएं. इसके बाद इस हल्दी को परिवार के सभी सदस्यों को लगाएं. कहा जाता है कि इससे रोगों से मुक्ति मिलती है और लंबे समय से चल रही बीमारियां समाप्त हो जाती हैं.


 


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सुख-समृद्धि के लिए
शीतला अष्टमी के दिन माता शीतला की पूजा करने के बाद उन्हें शृंगार के समान के साथ लाल कपड़े अर्पित करें. कहा जाता है कि ऐसा करने से माता शीतला का आशीर्वाद बना रहता है और जीवन की कठिन समस्याओं का निवारण होता है. 


 


करें इस मंत्र का जाप
शीतला अष्टमी के दिन 'ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः' मंत्र का भक्तिभाव से जाप करें. ऐसा करने से संकटों से छुटकारा मिलता है. इसके अलावा मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है.


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)