Shiv Parvati Katha: मां पार्वती और भगवान शिव की आपने कई पौराणिक कथाएं सुनी होंगी. इन्ही कथाओं में से एक हम आपको बताने जा रहे हैं जब भगवान शिव मां पार्वती से क्रोधित हो गए थे और उनको मछुआरिन बनने का श्राप तक दे दीया था. आइए जानते हैं.


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…जब भवगान शिव दे रहे थे ब्रह्म ज्ञान
एक बार भगवान शिव माता पार्वती को ब्रह्म ज्ञान देने के लिए सृष्टी की रचना की कहानी सुना रहे थे. तब माता पार्वती कहानी सुनते-सुनते काल्पनिक दुनिया में खो गईं. इसके बाद भी शिवजी कहानी सुनाते रहे. जब भगवान शिव को एहसास हुआ की माता पार्वती कहानी नहीं सुन रही हैं तो उन्होंने बीच में रुक कर माता पार्वती से पूछा की क्या आप मेरी कहानी सुन रही हैं. लेकिन माता पार्वती काल्पनिक दुनिया में खोई हुई थीं इसलिए शिव जी के सवाल का जबाव नहीं दिया.


 


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भगवान शिव ने दिया श्राप
जब मां पार्वती वापस असल दुनिया में आईं तबतक भगवान शिव क्रोधित हो चुके थे. भगवान शिव ने कहा की आपने ब्रह्म ज्ञान का अनादर किया है. शिव जी कहते हैं कि जब किसी से शिक्षा या ज्ञान लिया जाता है तब ध्यान भंग नहीं होना चाहिए. इसके बाद भगवान शिव ने माता पार्वती को श्राप दिया कि अब आपका जन्म किसी मछुआरे परिवार में होगा. 



इस तरह मछुआरे के घर काटा एक जन्म
इसके बाद माता पार्वती दुखी हो गई और मछुवारों के गांव में चली गईं. इस गांव के मुखिया की कोई संतान नहीं थी. एक दिन मछली पकड़ने के लिए तालाब जा रहा था तब उसे रास्ते में एक पेड़ के नीचे एक कन्या बैठी हुई मिली. वो कन्या मां पार्वती थी. मछुआरे ने उस कन्या के माता पिता ढूंढे लेकिन नहीं मिले. इसके बाद कन्या को प्रभु की कृपा समझकर अपने घर में उसका पालन पोषण किया.  इसके चलते मां पार्वती को एक जन्म मछुआरे के घर में काटना पड़ा.


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)