Shri Suktam Path significance: धन की आवश्यकता किसे नहीं है, गरीब अपनी गरीबी दूर करने के लिए धन की कामना करता है तो अमीर व्यक्ति और अमीर बनने के लिए धन की चाहत रखता है. देखा जाए तो पैसा हर किसी को चाहिए और यह सत्य इसलिए भी है कि आज के इस युग में पैसे से ही सारे कार्य होते हैं. धन चाहिए तो धन की देवी एक ही हैं माता लक्ष्मी जिन्हें महालक्ष्मी, पद्मावाहिनी, पद्मप्रिया, विष्णु पत्नी आदि कई नामों से जाना जाता है. 


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महालक्ष्मी लक्ष्मी सूक्त का पाठ का महत्व
धन की देवी महालक्ष्मी की कृपा पाने के लिए व्यक्ति विशेष प्रकार की पूजा और व्रत करता है. मान्यता है कि माता महालक्ष्मी लक्ष्मी सूक्त का पाठ करने वाले से बहुत ही शीघ्रता से प्रसन्न होती हैं और उसकी दरिद्रता दूर कर देती हैं. उन्हें धन वैभव और सुख समृद्धि की देवी कहा जाता है. माता वैभव लक्ष्मी के व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है किंतु धन धान्य से भरपूर होने के लिए एक और उपाय से जिससे माता लक्ष्मी की विशेष कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है, और वह है लक्ष्मी सूक्त. 


दूर होती है दरिद्रता
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए रोज की पूजा पाठ के साथ ही सायंकाल मां लक्ष्मी के श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए. मां लक्ष्मी के सूक्त का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन की सभी आर्थिक समस्याओं का निदान हो जाता है और सुख संपन्नता के साथ पूरा जीवन व्यतीत करता है. 


करें इस मंत्र का जाप
देवी लक्ष्मी की आराधना करने के लिए उन्हें समर्पित यह एक मंत्र है,  जिसे श्री सूक्त या लक्ष्मी सूक्तम भी कहा जाता है.  यह सूक्त ऋग्वेद से लिया गया है. इस सूक्त में 15 ऋचाएं हैं और महात्म्य सहित 16 ऋचाएं हैं. मान्यता है कि ऋग्वेद में वर्णित श्री सूक्त का जो भी व्यक्ति श्रद्धापूर्वक पाठ कर माता लक्ष्मी का पूजन करता है,  उसकी सात पीढ़ियां तक निर्धन नहीं रहती हैं.  


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)