मां लक्ष्मी की कृपा पाने का सुनहरा मौका, करोड़पति बना देगा शुक्र प्रदोष का ये टोटका
Shukra Pradosh Vrat 2023: प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है. नवंबर महीने में प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन पड़ रहा है. कार्तिक प्रदोष का शुक्रवार के दिन पड़ना मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शानदार मौका है.
Pradosh Vrat Upay: हर महीने में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है. प्रदोष व्रत प्रत्येक त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा की जाती है. प्रदोष व्रत करने से जीवन में समृद्धि और संपन्नता मिलती है. वहीं प्रदोष व्रत का सोमवार, शुक्रवार के दिन पड़ना विशेष होता है. नवंबर महीने में कार्तिक प्रदोष पड़ रहा है. यह प्रदोष शुक्रवार को पड़ रहा है, जिससे इसे शुक्र प्रदोष कहा जाएगा. शुक्र प्रदोष को धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए विशेष माना गया है. उस पर कार्तिक महीना भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है. साथ ही शुक्रवार का दिन भी लक्ष्मी जी को समर्पित है. ऐसे में कार्तिक प्रदोष का शुक्रवार को पड़ना मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए विशेष है.
कब है शुक्र प्रदोष व्रत?
हिंदी पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 24 नवंबर 2023 की रात 07.06 पर शुरू होगी और अगले दिन 25 नवंबर 2023 को शाम 05.22 पर समाप्त होगी. इस तरह उदया तिथि के अनुसार कार्तिक माह और नवंबर महीने का शुक्र प्रदोष व्रत 24 नवंबर 2023, शुक्रवार को रखा जाएगा. इस दिन प्रदोष काल में यानी सूर्सास्त के बाद शिव जी की साधना करना बहुत शुभ फल देग. इसके लिए पूजा का शुभ मुहूर्त रात 07.06 से रात 08.06 बजे तक रहेगा.
शुक्र प्रदोष व्रत का महत्व और उपाय
शुक्र प्रदोष व्रत और पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष पाने का रास्ता खुलता है. वह जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है. वहीं शुक्र प्रदोष व्रत की रात को मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करना जातक को अमीर बना सकता है. उसे जीवन में हर सुख, सौभाग्य, अपार धन मिल सकता है.
धन, दौलत, सुख-समृद्धि पाने के लिए शुक्र प्रदोष की सुबह सूर्योदय से पहले स्नान कर लें. फिर भगवान का स्मरण करके व्रत का संकल्प लें और पूरा दिन अनाज का सेवन ना करें. इस दिन केवल फलों का ही सेवन करें. पूरे दिन उपवास रखने के बाद सूर्यास्त से एक घंटा पहले स्नान करके सफेद कपड़े पहनें. फिर गाय के गोबर से लीपकर, मंडप तैयार करें. उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें और शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें. इस दौरान 'ऊँ नम: शिवाय' का जाप करें. महादेव को फल मिठाई का भोग लगाएं. आखिर में आरती करें. इसके बाद व्रत का पारण करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)