Tips for sleeping: इंसान की सेहत उसकी दिनचर्या पर निर्भर करती है. वो जैसा रूटीन फॉलो करता है वैसा ही उसकी सेहत पर इसका असर दिखता है. नींद लेना यानि कि सोना डेली रूटीन का एक अहम हिस्सा है. जो व्यक्ति अच्छी नींद लेता है उसकी सेहत बेहतर बनी रहती है. वास्तु शास्त्र में सोने के कई नियम बताए गए हैं जिनको जीवन में उतारकर व्यक्ति अच्छी सेहत का मालिक बनता है. शास्त्रों के अनुसार सोने का क्या है सही तरीका.


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सोने का सही समय
हिंदू शास्त्रों के अनुसार सूर्यास्त होने के लगभग 3 घंटे बाद व्यक्ति को सो जाना चाहिए. इसके साथ ही जो व्यक्ति सूर्यास्त के बाद तक सोता रहता है उसकी सेहत पर इसका खराब असर पड़ता है. इसके अलावा संध्या काल के समय सोना बेहद अशुभ माना जाता है. सोते समय आपका सिर दीवार से तीन हाथ की दूरी पर होना चाहिए, इस बात का ध्यान रहे. 


किस दिशा में सिर करके सोएं
वास्तु शास्त्र के मुताबिक रात को सोते समय आपका सिर पूर्व दिशा में होना चाहिए. इस दिशा में सूर्य का वास होता है इसलिए जो व्यक्ति यहां सिर करके सोता है उसके ज्ञान में वृद्धि होती है. वहीं अगर आप चाहें तो दक्षिण दिशा में भी सिर करके सो सकते हैं. वास्तु के अनुसार दक्षिण दिशा में पितरों का वास होता है इसलिए अगर आप इस दिशा में पैर करके सोते हैं तो मन में नेगेटिव एनर्जी बढ़ने लगती है. 


वास्तु के अनुसार कैसा हो बिस्तर
वास्तु शास्त्र में व्यक्ति का बिस्तर कैसा होना चाहिए इस बात का भी वर्णन किया हुआ है. गरुड़ पुराण के मुताबिक व्यक्ति को कभी भी गंदे, टूटे-फूटे, बहुत छोटे या ऊंचे बिस्तर पर कभी भी नहीं सोना चाहिए. इससे नकारात्मकता का वास होता है. इसलिए हमेशा अच्छे और साफ-सुथरे बिस्तर पर ही सोएं. इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आपको कभी भी बिस्तर पर बैठकर भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए. इससे मां लक्ष्मी रुष्ठ होती हैं. 


बिस्तर छोड़ेने के वास्तु नियम
हिंदू शास्त्रों के मुताबिक व्यक्ति को हमेशा सुबह उठते वक्त अपने दायीं ओर से बिस्तर छोड़ना चाहिए. फिर उठकर सबसे पहले धरती को स्पर्श करें और इसके बाद ही जमीन पर पैर रखें. जो व्यक्ति सुबह उठने के बाद की इस आदत को रोजाना अपनाता है वो हमेशा सेहतमंद बना रहता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)