Shiv Ji Puja Vidhi: हिंदू धर्म में सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित है. इसलिए सोमवार को शिव जी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. अभिषेक किया जाता है, पंचामृत, बेलपत्र, धतूरा आदि अर्पित किया जाता है. शिवलिंग की पूजा के दौरान या अभिषेक में कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है. माना जाता है कि भोलेनाथ अपने भक्‍तों से बहुत जल्‍दी प्रसन्‍न होते हैं लेकिन उनकी पूजा में गलतियां करना उन्‍हें नाराज भी कर देता है. आइए जानते हैं कि शिव जी की पूजा करते समय कौनसी गलतियां नहीं करनी चाहिए. क्‍योंकि सोमवार के दिन महादेव की विधि-विधान से पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. 


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शिव पूजा में ना करें ये गलतियां  


- शिवलिंग का दुग्‍धाभिषेक करना बहुत लाभ देता है. लेकिन दुग्‍धाभिषेक करते समय इस बात का ध्‍यान रखें कि शिव जी को जल, दूध, दही आदि पंचामृत तांबे के पात्र से ही अर्पित करें लेकिन दूध को काफी समय पहले से तांबे के पात्र में ना रखें. क्‍योंकि तांबे के बर्तन में देर तक रखा हुआ दूध खराब हो जाता है और ऐसा दूध शिवलिंग पर अर्पित नहीं करना चाहिए.  


- जब भी शिवलिंग का अभिषेक करें तो दूध, दही, घी, शहद आदि से बना पंचामृत अर्पित करने के बाद आखिर में जल और गंगाजल जरूर अर्पित करें. अंत में जल चढ़ाने से ही जलाभिषेक पूर्ण माना जाता है. इससे महादेव खुश होते हैं.


- महादेव को कभी रोली या सिंदूर का तिलक नहीं लगाएं. महादेव को चंदन का तिलक प्रिय है. इसलिए इस बात का विशेष ख्‍याल रखें कि महादेव को चंदन का तिलक जरूर लगाएं. 


- जब भी मंदिर जाते हैं तो भगवान के दर्शन करने के बाद भगवान की परिक्रमा की जाती है. हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं की परिक्रमा करने के भी नियम बताए गए हैं. जब भी शिव मंदिर जाएं तो ध्‍यान रखें कि शिवलिंग की पूरी परिक्रमा ना करें. जिस स्थान से दूध निर्गम का रास्ता है वहीं पर रुक जाएं और वापस घूम जाएं. वरना कई तरह की बीमारियां घेर लेंगी. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)