Amavasya ke Upay: वैशाख महीने की अमावस्‍या 20 अप्रैल, गुरुवार को है. साल का पहला सूर्य ग्रहण भी इसी दिन पड़ रहा है. हिंदू धर्म में सभी अमावस्‍या को स्‍नान-दान, श्राद्ध-तर्पण आदि कार्यों के लिए बहुत उपयुक्‍त माना गया है. अमावस्‍या का दिन पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए बेहद महत्‍वपूर्ण होता है. पितरों की कृपा हो तो घर-परिवार में हमेशा सुख-समृद्धि रहती है. वहीं पितृ दोष जीवन में ढेरों कष्‍ट देता है.  


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वैशाख पूर्णिमा तिथि 


वैशाख अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण है, ऐसे में लोगों के मन में यह संशय है कि सूर्य ग्रहण के चलते पूजा-पाठ, स्‍नान-दान, उपाय के लिए कौन सा समय शुभ रहेगा. 20 अप्रैल को सूर्य ग्रहण सुबह 07:04 बजे से शुरू होगा और समापन दोपहर 12:29 बजे होगा. चूंकि यह उपच्छाया सूर्य ग्रहण है, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. वरना 12 घंटे पहले से सूर्य ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाता है. वहीं वैशाख अमावस्या ति​थि 19 अप्रैल को सुबह 11:23 से लेकर 20 अप्रैल की सुबह 09:41 तक है. ऐसे में सूर्य ग्रहण के कारण अमावस्‍या के स्‍नान-दान, पूजा-उपाय में कोई अड़चन नहीं आएगी. 


अमावस्‍या के दिन करें पितृ दोष उपाय


- अमावस्‍या के दिन सुबह जल्‍दी स्नान करके हाथ में कुश की पैत्री पहन लें या कुश लेकर हाथ से जल से तर्पण दें. ​इससे पितृ तृप्‍त होंगे और आपको आशीर्वाद देंगे. 


- वैशाख अमावस्या पर पितरों के देवता अर्यमा की पूजा करें. अर्यमा महर्षि कश्यप और देवमाता अदिति के पुत्र हैं. इन्‍हें पितरों में श्रेष्‍ठ माना गया है. इनकी पूजा करने से पितृ दोष दूर होती है. 


- वैशाख अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए पिंडदान करें या उनका श्राद्ध कर्म करें. इससे वंश वृद्धि होती है. घर-परिवार में खुशहाली रहती है.  


- अमावस्‍या के दिन पितरों की पसंद का भोजन बनाकर कौआ, गाय, कुत्ता को खिलाएं. ब्राहमणों को भी भोजन कराएं. दान जरूर करें. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)