Ram Mandir Ayodhya: नवमी पर पहली बार राम मंदिर में दिखेगा ऐसा भव्य नजारा, रामलला का होगा सूर्याभिषेक
Surya Tilak: राम नगरी अयोध्या के लिए रामनवमी काफी खास होने वाली है. 500 साल बाद राम मंदिर में हर्षोल्लास से राम नवमी का पर्व मनाया जाएगा. इसके लिए जोरों शोरों से तैयारियां चरम पर हैं. इस बार रामलला का सूर्याभिषेक भी किया जाएगा जिसके लिए वैज्ञानिकों का प्रयोग सफल हो गया है.
Ram Navami 2024: 9 अप्रैल यानी कल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. पूरे देश में नवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. 17 अप्रैल को दुर्गा नवमी और राम नवमी मनाई जाएगी. इस बार राम नगरी अयोध्या के लिए रामनवमी काफी खास होने वाली है. 500 साल बाद राम मंदिर में हर्षोल्लास से राम नवमी का पर्व मनाया जाएगा और इस अवसर पर रामलला का सूर्याभिषेक करने की तैयारियां की जा रही है.
दोपहर 12 बजे होगा सूर्याभिषेक
प्रभु राम के भक्त दोपहर 12 बजे रामलला के सूर्याभिषेक के दर्शन कर सकेंगे. नवमी के दिन रामलला के मस्तिष्क पर दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें पड़ेंगी, जिससे उनका सूर्य तिलक होगा. बता दें कि चार मिनट तक 75 मिलीमीटर तिलक पर सूर्य की किरणें पड़ेंगी. सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीटयूट रुड़की के वैज्ञानिकों द्वारा कई बार सूर्य तिलक का प्रशिक्षण किया गया था लेकिन सोमवार को किए गए प्रयोग में सफलता हासिल हुई.
दर्पण और लैंस का ऐसे होगा इस्तेमाल
सूर्याभिषेक के लिए 2 बड़े दर्पण और 3 बड़े लेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है. लेंसों को राम मंदिर परिसर में अलग-अलग जगहों पर स्थापित किया गया है. दोपहर 12 बजे, जब सूर्य की किरणें अपने चरम पर होंगी, तब उन्हें एक दर्पण के माध्यम से परावर्तित कर मंदिर के अंदर प्रवेश कराया जाएगा. मंदिर के अंदर, शीर्ष मार्ग से प्रवेश करते समय, तीन बड़े लेंस इन किरणों को एक स्थान पर केंद्रित करेंगे और आगे बढ़ाएंगे. मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचने पर, एक विशेष कोण पर स्थापित दर्पण के माध्यम से इन किरणों को रामलला के माथे पर परावर्तित किया जाएगा.
यह भी पढ़ें: इसे कहते हैं असली भाईचारा! हिंदू-मुस्लिम मिलकर करा रहे 400 साल पुराने देवी मंदिर का जीर्णोद्धार
चैत्र नवरात्रि पर दिखा खास नजारा
चैत्र नवरात्रि और हिन्दू नववर्ष के अवसर पर रामलला को सोने-चांदी के वर्क के लाल वस्त्र धारण कराए गए. इसके बाद 6:15 बजे रामलला की आरती उतारी गई. इसके बाद अभिषेक के बाद पूजन किया गया. रामलला को पहनाए गए वस्त्र खादी कॉटन से बनाए गए हैं और असली चांदी-सोने की हस्त छपाई की गई है.