Tulasi Aarti: आज आंवला नवमी यानि कि अक्षय नवमी का त्योहार मनाया गया. आज सुबह लोगों ने आंवले के पेड़ की पूजा की. इस दौरान आंवले के पेड़ की छांव में लोगों ने सात्विक भोजन बनाया और पेड़ को प्रसाद अर्पित करके खुद भी अपने परिजनों के साथ भोजन ग्रहण किया. माना जाता है कि आंवले के पेड़ में भगवान शिव और विष्णु दोनों का वास होता है.


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मान्यताओं के मुताबिक आंवले का पेड़ भगवान विष्णु और शिव जी दोनों को प्रिय है. क्योंकि आंवले में तुलसी और बेल दोनों का गुण पाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक बेल जहां शिव जी को प्रिय है वहीं तुलसी भगवना विष्णु के लिए खास है. मान्यताओं के मुताबिक आज कार्तिक नवमी के दिन शाम के वक्त तुलसी की आरती जरूर करनी चाहिए. जानकारी के लिए बता दें कि इस साल तुलसी विवाह 12 नवंबर को होगा. तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर को शाम 5 बजकर 29 मिनट से शाम 7 बजकर 53 मिनट तक रहेगा. 


यहां पढ़ें तुलसी जी की पूरी आरती


तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।


धन तुलसी पूरण तप कीनो,
शालिग्राम बनी पटरानी ।
जाके पत्र मंजरी कोमल,
श्रीपति कमल चरण लपटानी ॥


तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।


धूप-दीप-नवैद्य आरती,
पुष्पन की वर्षा बरसानी ।
छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन,
बिन तुलसी हरि एक ना मानी ॥


तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।


सभी सखी मैया तेरो यश गावें,
भक्तिदान दीजै महारानी ।
नमो-नमो तुलसी महारानी,
तुलसी महारानी नमो-नमो ॥


तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।


ऐसा माना जाता है कि कार्तिक महीने में तुलसी जी की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और धन-धान की प्राप्ति होती है. मान्याताओं के मुताबिक अगर आप पूजा के बाद तुलसी की आरती करते हैं तो ऐसा करना घर के लिए काफी शुभ होता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)