Unique devi temple: इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश और पूजा करने पर है रोक, साल में सिर्फ 5 घंटे के लिए खुलता है
चैत्र नवरात्रि के मौके पर आज बात छत्तीसगढ़ के एक ऐसे अनोखे मंदिर की जो साल में कुछ दिन के लिए नहीं बल्कि सिर्फ कुछ घंटों के लिए खुलता है. इस मंदिर से जुड़ा एक खास रहस्य भी है, जिसके बारे में जानने के लिए यहां पढ़ें.
नई दिल्ली: भारत को मंदिरों का देश यूं ही नहीं कहा जाता. देशभर में ऐसे ढेरों मंदिर मौजूद हैं जिनसे कोई न कोई रहस्य जुड़ा हुआ है. कोई मंदिर सालों भर खुला रहता है तो किसी मंदिर के कपाट सर्दियों में बंद हो जाते हैं और सिर्फ गर्मियों में खुलते हैं. देवी मंदिरों (Devi temples in india) की बात करें तो भारत में 51 शक्तिपीठ (51 Shaktipeeth) माने जाते हैं और हर मंदिर की अपनी अलग विशेषता है.
साल में सिर्फ 5 घंटे के लिए खुलता है यह मंदिर
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के मौके पर आज बात एक ऐसे मंदिर की जिसके कपाट साल में कुछ महीने, कुछ हफ्ते या कुछ दिनों के लिए नहीं बल्कि सिर्फ 5 घंटे के लिए ही खुलते हैं. इस 5 घंटे (5 hours) के समय में ही हजारों भक्त माता के दर्शन के लिए पहुंच जाते हैं. यह अनोखा मंदिर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरियाबंद जिले से 12 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर स्थित है. इस मंदिर में देवी मां की एक प्रतिमा है जिन्हें लोग निरई माता (Nirai mata temple) के नाम से पुकारते हैं.
ये भी पढ़ें- इस मंदिर में होती है बिल्ली की पूजा, 1 हजार साल पुरानी है रोचक परंपरा
निरई माता का मंदिर जहां सुहाग का सामान नहीं चढ़ाया जाता
आम तौर पर जहां प्रसिद्ध मंदिरों में देवी-देवताओं की पूजा के लिए दिनभर लोगों की लंबी कतार लगी रहती है, वहीं निरई माता का मंदिर चैत्र नवरात्रि में किसी एक विशेष दिन ही खुलता है और वह भी सुबह 4 बजे से सुबह 9 बजे तक सिर्फ पांच घंटे के लिए. बाकी दिनों में इस मंदिर में आना प्रतिबंधित माना जाता है. बाकी माता मंदिरों की तरह इस मंदिर में सिंदूर, कुमकुम और श्रृंगार या सुहाग का सामान नहीं चढ़ाया जाता. बल्कि सिर्फ नारियल और अगरबत्ती चढ़ाकर माता को प्रसन्न किया जाता है.
ये भी पढ़ें- माता का अनोखा मंदिर जहां चूहों को भोग लगाने से प्रसन्न होती हैं देवी
इस मंदिर में अपने आप प्रज्जवलित होती है एक ज्योति
लोक कथाओं और मंदिर के आसपास मौजूद लोगों की मानें तो निरई माता के मंदिर में हर साल चैत्र नवरात्रि के समय अपने आप बिना तेल के एक ज्योति प्रज्जवलित होती है और यह ज्योति कैसे जलती है यह अब तक एक रहस्य बना हुआ है. इसके अलावा निरई माता के मंदिर में महिलाओं के प्रवेश और पूजा पाठ पर भी रोक है. यहां सिर्फ पुरुष ही पूजा करने के लिए आ सकते हैं. ऐसी मान्यताएं हैं कि इस मंदिर में मांगी गई मन्नतें और मुरादें जरूर पूरी होती हैं.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)
धर्म से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
VIDEO