कर्नाटक (Karnataka) में एक ऐसा अनोखा मंदिर (Temple) है, जहां बिल्ली की पूजा की जाती है. इस मंदिर में बिल्ली की पूजा दो-चार साल से नहीं, बल्कि पिछले 1000 साल से की जा रही है. यह अनोखा मंदिर (Weird Temple) कर्नाटक के मांड्या जिले से 30 किलोमीटर दूर बेक्कालेले गांव में स्थित है.
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नई दिल्ली. हिंदू धर्म में बिल्ली को अशुभ माना गया है. बिल्ली (Cat) के दिखने या उसके रास्ता काटने पर माथे पर शिकन आ जाती है. वहीं, कर्नाटक (Karnataka) में एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां बिल्ली की पूजा की जाती है. इस मंदिर में पिछले 1000 साल से बिल्ली की पूजा की जा रही है.
यह अनोखा मंदिर (Weird Temple) कर्नाटक के मांड्या (Mandya) जिले से 30 किलोमीटर दूर बेक्कालेले (Bekkalale Village) गांव में स्थित है. इस गांव का नाम कन्नड़ के बेक्कू शब्द पर पड़ा है, जिसका अर्थ बिल्ली होता है. इस गांव के लोग बिल्ली को देवी का अवतार मानते हैं और उसकी विधि-विधान के साथ पूजा करते हैं.
देवी स्वरूप है बिल्ली
इस गांव के लोग बिल्ली को देवी मनगम्मा का अवतार मानते हैं. मान्यताओं के मुताबिक, देवी मनगम्मा ने बिल्ली का रूप धारण करके गांव में प्रवेश किया था और बुरी शक्ति से गांव वालों की रक्षा की थी. उस जगह पर बाद में एक बांबी बन गई थी. तभी से यहां के लोग बिल्ली की पूजा करते हैं. यह बात आपके लिए थोड़ी अजीब जरूर हो सकती है पर है बिल्कुल सच.
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गांव के लोग बिल्ली की करते हैं रक्षा
कर्नाटक के इस गांव के लोग बिल्ली की हमेशा रक्षा करने में विश्वास रखते हैं. इस गांव में अगर कोई बिल्ली को नुकसान पहुंचाता है तो उसे गांव से बाहर कर दिया जाता है. साथ ही बिल्ली के मरने के बाद उसे पूरे विधि-विधान के साथ दफनाया जाता है. इस गांव में हर साल देवी मनगम्मा का धूमधाम से त्योहार मनाया जाता है. ऐसा देश के सिर्फ इसी हिस्से में होता है.