भारत का वो अनोखा हनुमान मंदिर जहां स्त्री रूप में पूजे जाते हैं बजरंगबली
भारत धार्मिक विविधता और अद्वितीय परंपराओं का देश है. यहां देवी-देवताओं की पूजा अर्चना के कई अनूठे रूप देखने को मिलते हैं. ऐसा ही एक अनोखा मंदिर है, जहां बजरंगबली यानी हनुमान जी की पूजा स्त्री रूप में की जाती है.
भारत में धर्म और आस्था का एक अनूठा संगम है. देश के कोने-कोने में स्थित मंदिरों में देवी-देवताओं की पूजा विभिन्न रूपों में की जाती है. इनमें से एक अनोखा मंदिर है जहां बजरंगबली को स्त्री रूप में पूजा जाता है.
यह अद्भुत मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिले में स्थित है, जिसका नाम गिरजाबंध हनुमान मंदिर है. यह मंदिर अपनी अनूठी स्थापत्य कला और भगवान हनुमान की मूर्ति के कारण देशभर में प्रसिद्ध है.
क्यों है यह मंदिर खास?
इस मंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति को स्त्री रूप में दर्शाया गया है. मूर्ति में हनुमान जी को चार भुजाओं के साथ दिखाया गया है. उनके दो हाथों में चक्र और गदा है, जबकि अन्य दो हाथों में कमल और वरदान मुद्रा है. मूर्ति की मुद्रा बेहद शांत और आकर्षक है.
मंदिर का इतिहास
इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 10 हजार साल पहले हुआ था. माना जाता है कि राजा कुष्ठ रोग से पीड़ित थे. एक रात उनके सपने में हनुमान जी आए और उन्हें मंदिर बनाने का निर्देश दिया. राजा ने तुरंत मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया. जब मंदिर लगभग बनकर तैयार हो गया, तो राजा को फिर से हनुमान जी के दर्शन हुए. इस बार हनुमान जी ने राजा को एक रहस्यमयी कुंड के बारे में बताया जो मंदिर के पास ही था. उन्होंने राजा से कहा कि वह इस कुंड से एक मूर्ति निकालकर मंदिर में स्थापित करें.
स्त्री रूप में मिले बजरंगबली?
हनुमान जी के बताए अनुसार जब राजा ने कुंड से मूर्ति निकाली तो सभी हैरान रह गए. मूर्ति में हनुमान जी एक सुंदर स्त्री के रूप में प्रकट हुए थे. राजा ने इस अद्भुत मूर्ति को पूरे विधि-विधान से मंदिर में स्थापित करवाया.
स्थानीय लोगों की मान्यताएं
स्थानीय लोगों का मानना है कि इस मंदिर में आने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. वे मानते हैं कि भगवान हनुमान यहां सभी भक्तों की रक्षा करते हैं. मंदिर में आने वाले भक्त यहां पूजा-अर्चना करते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं.
पर्यटन का केंद्र
यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि पर्यटन के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है. हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक यहां आते हैं. मंदिर के आसपास कई होटल और रेस्तरां भी हैं, जो पर्यटकों को सुविधा प्रदान करते हैं.