नई दिल्ली. भारत में मंदिरों (Temple) का अलग ही इतिहास है. यहां पर कई ऐसे अनोखे मंदिर हैं, जिनमें पूजा-अर्चना के लिए लंबी कतारे लगती हैं. ऐसा ही एक अनोखा मंदिर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रतलाम शहर (Ratlam City) के माणक में स्थित है. इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां प्रसाद में मिठाई या चीनी दाना नहीं बल्कि सोना-चांदी दिया जाता है. इस मंदिर में जो भी मां महालक्ष्मी के दर्शन करने आता है वो सोने-चांदी के सिक्के लेकर घर जाता है. देखा जाए तो ये विश्व का पहला ऐसा मंदिर है जहां सोना-चांदी प्रसाद के रूप में मिलता हैं.


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देश-विदेश से आते हैं भक्त


हर साल देश-विदेश से लाखों भक्त मां महालक्ष्मी के दर्शन करने माणक पहुंचते हैं. माता के भक्त यहां पर सोने-चांदी के जेवर और नकदी चढ़ाते हैं. दिवाली के पावन पर्व पर पूरे पांच दिन इस मंदिर में दीपोत्सव मनाया जाता है. इस दौरान मंदिर को भक्तों द्वारा दान में दिए गए गहनों और नकदी से सजाया जाता है. इस दौरान यहां आने वाले भक्तों को प्रसाद के रूप में गहनें और रुपए दिए जाते हैं.


धनतेरस पर बांटी जाती है कुबेर पोटली


धनतेरस के दिन यहां आने वाली महिला भक्तों को कुबेर की पोटली दी जाती है और भी किसी भी भक्त को खाली हाथ नहीं लौटाया जाता है. उन्हें कुछ न कुछ प्रसाद के रूप में गहनें या नकदी जरूर दी जाती है.


गहनें चढ़ाने की प्राचीन परंपरा


इस मंदिर में गहनें और नकदी चढ़ाने की प्राचीन परंपरा है. पहले जमाने में राजा और अब भक्त यहां पर माता के चरणों में गहनें और नकदी चढ़ाते हैं, ऐसा माना जाता है कि जो लोग मां के चरणों में गहनें और नकदी चढ़ाते हैं उनपर मां की कृपा हमेशा बनी रहती है.


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