Ram Sita Swayamvar: उदयपुर रोड पर स्थित एक रिसॉर्ट में बीते दिनों एक अनोखी शादी हुई. हिंदू पद्धति से हुए इस विवाह में जोड़े ने रामायण में बताए गए सीता स्‍वयंवर की तर्ज पर एक-दूसरे को वरमाला डाली. इसके लिए पहले दूल्‍हे ने धनुष तोड़ा. साथ ही विवाह के मौके पर लड्डू गोपाल को सिंहासन पर विराजमान करने के बाद पाणिग्रहण के सारे रस्‍म-रिवाज निभाए गए. दूल्‍हा वैभव मूंदड़ा और दुल्‍हन राशि की यह अनूठी शादी चर्चा का केंद्र बनी हुई है. 


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राम मंदिर प्राण प्रतिष्‍ठा के बाद आया विचार 


22 जनवरी को अयोध्‍या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा के चलते रामायण के विभिन्‍न प्रसंग खूब चर्चा में रहे. इसमें राम-सीता के विवाह से पहले हुए स्‍वयंवर का प्रसंग भी शामिल है. जिसमें माता सीता के पिता राजा जनक यह शर्त रखते हैं कि जो भी व्‍यक्ति भगवान शिव के धनुष पिनाकी पर प्रत्‍यंचा चढ़ाएगा, उसी से वे अपनी पुत्री सीता का विवाह करेंगे. भगवान शिव का यह धनुष बेहद भारी था, उसे तो उठाना ही मुश्किल था, प्रत्‍यंचा चढ़ाना तो दूर की बात थी. लेकिन प्रभु राम ने उस धनुष को सहज भाव से ही उठा लिया और प्रत्‍यंचा चढ़ाने लगे, लेकिन तभी बेहद जोरदार ध्‍वनि के साथ धनुष टूट गया. 
  
दूल्‍हे ने तोड़ा धनुष 


उदयपुर रोड स्थित रिसॉर्ट में हुए इस विवाह में दूल्‍हे वैभव मूंदड़ा ने पहले धनुष तोड़ा और फिर दुल्‍हन राशि ने उनके गले में वरमाला डाली. सीए भारतीय सद्भावना मंच के राष्‍ट्रीय सलाहकार अर्जुन मूंदड़ा के बेटे वैभव के विवाह में परिजनों ने पहले एक सिंहासन पर लड्डू गोपाल को विराजमान किया और फिर दूल्‍हा-दुल्‍हन की शादी की रस्‍में निभाईं. इतना ही नहीं स्‍वयंवर रस्‍म के दौरान कल्‍ला जी वेदपीठ के 11 बटुकों ने वैदिक मंत्रोच्‍चार भी किया. रामायण में राम-सीता स्‍वयंवर थीम पर पूरे मंत्रोच्‍चार के बीच हुए इस विवाह की बहुत चर्चा हो रही है.