Science News: एस्ट्रोनॉमर्स ने एक सुपरनोवा के अवशेषों में मौजूद 'जॉम्बी तारे' का पता लगाया है. यह सुपरनोवा 843 साल पहले दर्ज किया गया था. तब महीनों तक पृथ्‍वी के आसमान में चमकदार रोशनी देखी गई थी. इस तरह के ब्रह्मांडीय विस्फोट से इस सफेद बौने तारे को नष्ट हो जाना चाहिए था, लेकिन इसके बजाय, इसने मलबे से बने एक 'फूल' से अपनी आकाशीय कब्र बना ली. अब, वैज्ञानिकों ने उस घटना को 3D फिल्म में बदल दिया है. इस 3डी मूवी से पता चलता है कि सुपरनोवा के अवशेष असामान्य रूप से टेढ़े-मेढ़े हैं और अभी भी स्थिर गति से विस्फोट कर रहे हैं.


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1181 में देखा गया था यह सुपरनोवा


1181 में, चीन और जापान के खगोलविदों ने कैसिओपिया नक्षत्र के पास एक नया चमकता हुआ तारा देखा. इस 'मेहमान तारे' के ऐतिहासिक रिकॉर्ड बताते हैं कि यह चमकीला धब्बा उस साल अगस्त से फरवरी 1182 तक, लगभग छह महीने तक बना रहा. इससे यह टेलीस्कोप के आविष्कार से पहले देखे गए कुछ सुपरनोवा में से एक बन गया. अब इस सुपरनोवा को SN 1181 नाम दिया गया है. हालांकि, 2021 तक इस सुपरनोवा की लोकेशन रहस्य बनी रही. शौकिया एस्ट्रोनॉमर डाना पैटचिक ने 2021 में कंफर्म किया कि सुपरनोवा नेबुला Pa 30 से आया था. यह गैस का एक विशाल बादल है जो हमारे पूरे सौरमंडल से भी बड़ा है.


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ब्रह्मांड में दुर्लभ है ऐसा तारा


Pa 30 को टेलीस्कोप से निहारने पर नेबुला के केंद्र में एक सफेद बौना तारा दिखाई दिया. यह बेहद सघन चीज उस विस्फोटित तारे का अवशेष है जिसने 843 साल पहले आसमान को रोशन किया था. यह लगभग 200,000 डिग्री सेल्सियस पर तेजी से जलता है और इसे ज्ञात ब्रह्मांड में सबसे गर्म तारों में से एक गिना जाता है. आम तौर पर, विस्फोटित तारे सुपरनोवा बनने पर पूरी तरह से अलग हो जाते हैं, जो इस प्रकार के अवशेषों को दुर्लभ बनाता है.


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24 अक्टूबर को The Astrophysical Journal Letters में छपी स्टडी में, एस्ट्रोनॉमर्स ने Pa 30 का नया मैप जारी किया है. उन्होंने जो 3D फिल्म बनाई, उसका एक मुख्य निष्कर्ष यह है कि नेबुला लगभग 2.2 मिलियन मील प्रति घंटे (3.5 मिलियन किमी/घंटा) की गति से फैल रहा है, जो लगभग उसी गति के बराबर है जिस गति से यह शुरुआती सुपरनोवा के दौरान मलबे को बाहर फेंकता.


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