Albert Einstein Theory Proved Right: 20वी सदी के महानतम वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन एक बार फिर सही साबित हुए हैं. 109 साल पहले, उन्होंने ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण के काम करने के तरीकों की व्याख्या की थी. उन्होंने जो गणितीय समीकरण दिए, उन्हें वैज्ञानिकों की एक बड़ी टीम ने 21वीं सदी में सही पाया है. ब्रह्मांड के अभी तक के सबसे बड़े मैप का एनालिसिस कर, एस्ट्रोनॉमर्स ने बताया है कि गुरुत्वाकर्षण वैसे ही काम करता है, जैसे आइंस्टीन ने बताया था.


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यह आइंस्टीन की सबसे मशहूर थ्‍योरी का सबसे बड़ा टेस्ट था. वैज्ञानिकों ने इसके लिए ब्रह्मांड का सबसे बड़ा मानचित्र तैयार किया. उसमे 60 लाख से ज्यादा आकाशगंगाओं और क्वेसार शामिल थे जो 11 बिलियन साल के ब्रह्मांडीय समय में फैले हुए थे. इस मैप के एनालिसिस से पता चला कि विशाल पैमाने पर भी गुरुत्वाकर्षण बल, आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत द्वारा की गई भविष्यवाणी के अनुसार व्यवहार करता है.


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क्यों खास है वैज्ञानिकों की यह घोषणा?


गुरुत्वाकर्षण वह बल है जो समूचे ब्रह्मांड को जोड़ता है. इसकी वजह से आकाशगंगाएं एक-दूसरे से ब्रह्मांडीय जाल के ताने-बाने की तरह जुड़ी रहती हैं, जबकि ब्रह्मांड का लगातार विस्तार होता जाता है. आइंस्टीन ने इस ब्रह्मांडीय जाल के विकास के बारे में जैसी भविष्यवाणियां की थीं, वे वैज्ञानिकों के एनालिसिस से हूबहू मेल खाती हैं.


वैज्ञानिकों ने इसे जनरल रिलेटिविटी का सबसे बड़ा टेस्ट यूं ही नहीं कहा. यह ब्रह्मांड के 13.8 बिलियन साल के इतिहास में से अधिकांश को कवर करता है. इसका मतलब यह है कि आइंस्टीन की थ्योरी न सिर्फ सबसे छोटे पैमाने पर लागू होती है, बल्कि सबसे बड़े पैमाने पर भी. रिसर्चर्स ने अपने एनालिसिस के नतीजे पब्लिश करने को भेजे हैं और इनका प्रीप्रिंट पीयर रिव्यू से पहले arXiv पर अपलोड कर दिया है.


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पहली बार इतने बड़े पैमाने पर एनालिसिस


एनालिसिस मे शामिल रहे फ्रेंच कॉस्मोलॉजिस्ट, पॉलीन जारौक ने कहा, 'जनरल रिलेटिविटी का टेस्ट सौरमंडल के पैमाने पर बहुत अच्छी तरह से किया गया है, लेकिन हमें यह भी जांचना था कि हमारी धारणा बहुत बड़े पैमाने पर काम करती है. आकाशगंगाओं के निर्माण की दर की स्टडी करने से हमें अपने सिद्धांतों का डायरेक्ट टेस्ट करने का मौका मिलता है, और अब तक हम ब्रह्मांड संबंधी पैमाने पर सामान्य सापेक्षता सिद्धांत की भविष्यवाणी के अनुरूप ही चल रहे हैं.'


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वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांडीय पैमाने पर गुरुत्वाकर्षण के व्यवहार को समझने के लिए एरिजोना (अमेरिका) में लगे डार्क एनर्जी स्पेक्ट्रोस्कोपिक इंस्ट्रूमेंट (DESI) के पहले साल का डेटा निकाला. यह आकाशगंगाओं की मासिक स्थिति को सटीक रूप से दर्ज करता है. वैज्ञानिकों ने यह जानने की कोशिश की कि ब्रह्मांड वर्तमान रूप में किस तरह फैला. इससे पता चला कि, भले ही डार्क एनर्जी समय के साथ विकसित हो सकती है, फिर भी ब्रह्मांड की संरचना आइंस्टीन के सिद्धांत द्वारा की गई भविष्यवाणियों से काफी मेल खाती है.


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