Science News: सूर्य अपने वर्तमान सौर चक्र में कुछ ज्यादा ही सक्रिय है. वैज्ञानिकों ने पिछले सप्ताह, रिकॉर्ड संख्‍या में सौर-कलंक यानी सनस्पॉट देखे हैं. अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के सोलर डायनैमिक्स ऑब्जर्वेटरी (SDO) की 8 अगस्त को ली गई तस्वीरों में, 24 घंटों के भीतर सैकड़ों सनस्पॉट्स का पता चला. सूर्य की सतह पर यह धब्बे भले ही बेहद छोटे नजर आते हों, लेकिन इनमें से हर एक का आकार आमतौर पर पूरी पृथ्वी के बराबर होता है.


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सनस्पॉट क्या है? कैसे बनते हैं?


सनस्पॉट, सूर्य की सतह पर मौजूद उन अस्थायी धब्बों को कहते हैं, जो आसपास की तुलना में काले नजर आते हैं. यहां पर सतह का तापमान बाकी जगह के मुकाबले कम होता है क्योंकि चुंबकीय क्षेत्र बेहद मजबूत होता है. यानी, सूर्य-कलंक या सनस्पॉट ऐसे क्षेत्र हैं जहां चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी से लगभग 2,500 गुना अधिक ताकतवर होता है. इस ताकतवर चुंबकीय क्षेत्र की वजह से सौर ज्वालाएं उठ सकती हैं.


इन सौर ज्वालाओं के साथ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन की लहरें अंतरिक्ष में फैल जाती हैं. सौर ज्वाला, सूर्य की सतह पर मौजूद सनस्पॉट से होने वाले उन धमाकों को कहते हैं जिनसे कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) होते हैं. CMEs की वजह से पृथ्वी को सौर तूफान झेलने पड़ते हैं.


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रिकॉर्ड संख्या में दिखे सनस्पॉट


सूर्य अभी 25वें सौर चक्र में है लेकिन यह बेहद सक्रिय साबित हो रहा है. इस चक्र में कई भू-चुंबकीय तूफान आ चुके हैं. जिनकी वजह से दुनिया भर में शानदार ऑरोरा नजर आए. अब यह सौर चक्र 20 से ज्यादा सालों में सबसे बड़े डेली सनस्पॉट नंबर (SSN) का रिकॉर्ड भी बना सकता है. Space Weather Prediction Center (SWPC) ने एक रिलीज में बताया कि, उसने 8 अगस्त को 337 सनस्पॉट देखे. यानी यह पहली बार होगा जब वैज्ञानिकों ने मार्च 2001 के बाद से इतने सारे डेली SSN देखे हैं.