मृत पिशाच तारे से निकल रहीं अजीब फुहारें, ब्रह्मांड में पहली बार दिखा यह अजीब नजारा
वैज्ञानिकों ने पहली बार एक न्यूट्रॉन तारे से निकलते हुए अजीब S-शेप के जेट का फोटो लिया है. न्यूट्रॉन तारे तब बनते हैं जब किसी विशाल तारे का ईंधन समाप्त हो जाता है और वह ढह जाता है.
Science News in Hindi: एस्ट्रोनॉमर्स ने पहली बार एक न्यूट्रॉन तारे से निकलते 'गार्डन स्प्रिंकलर' जैसे जेट्स को देखा है. यह जेट्स अजीब S-आकार के हैं जो मृत तारे से निकल रहे हैं. यह मृत तारा पृथ्वी से करीब 30,000 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद बाइनरी सिस्टम Circinus X-1 में स्थित है. यह तब बना था जब हमारे सूर्य से कम से कम आठ गुना बड़ा तारा एक सुपरनोवा विस्फोट के बाद मर गया था. उस विस्फोट का प्रकाश पृथ्वी तक करीब पांच हजार साल पहले पहुंचा होगा.
यह न्यूट्रॉन तारा अपने साथी तारे को किसी पिशाच की तरह नोच रहा है. उसकी बर्बरता के चलते दूसरे तारे से बेहद हाई-एनर्जी वाले जेट्स निकल रहे हैं. ये जेट्स S-शेप वाले इसलिए हैं क्योंकि पिशाच मृत तारा डगमगाता है. रिसर्च टीम को उम्मीद है कि इस तरह के पहले ऑब्जर्वेशन से उन्हें न्यूट्रॉन तारों के आसपास की एक्सट्रीम फिजिक्स को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सकती है, जो ब्रह्मांड में कहीं और नहीं पाए जाते.
पहली बार दिखे न्यूट्रॉन तारे से निकलने वाले जेट के सबूत
S-आकार वाले इन जेट्स को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने साउथ अफ्रीका में लगे MeerKAT रेडियो टेलीस्कोप की मदद से देखा. उन्होंने जो डेटा इकट्ठा किया, उससे Circinus X-1 का अभी तक का सबसे डीटेल्ड मैप तैयार किया गया है.
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ऑक्सफोर्ड के रिसर्चर एवं टीम लीडर फ्रेजर कोवी ने एक बयान में कहा, 'यह पहली बार है जब हमने किसी पुष्ट न्यूट्रॉन तारे से निकलने वाले जेट के मजबूत साक्ष्य देखे हैं.' कोवी ने कहा, 'इससे जेट के लॉन्च के पीछे की एक्सट्रीम फिजिक्स के बारे में बहुमूल्य जानकारी मिलेगी, यह एक ऐसी घटना है जिसे अभी भी अच्छी तरह से समझा नहीं गया है.'
न्यूट्रॉन तारे क्या होते हैं?
न्यूट्रॉन तारे असल में बेहद विशाल तारों के शव हैं. न्यूट्रॉन तारे तब बनते हैं जब किसी बेहद विशाल तारे (सूर्य से कई गुना बड़ा) के कोर में हाइड्रोजन खत्म हो चुकी होती है. इससे ऊर्जा का बाहरी धक्का (रेडिएशन प्रेशर के रूप में) समाप्त हो जाता है जो तारे को उसके अपने गुरुत्वाकर्षण के भीतरी धक्के के खिलाफ सहारा देता है. जैसे ही यह अरबों साल चलने वाला संघर्ष समाप्त होता है - गुरुत्वाकर्षण जीत जाता है - मरते हुए तारे की बाहरी परतें एक विशाल सुपरनोवा विस्फोट में उड़ जाती हैं.
इस बीच, कोर एक गुरुत्वाकर्षण पतन से गुजरता है जो एक से दो सूर्यों के बराबर द्रव्यमान को लगभग 12 मील (20 किलोमीटर) की चौड़ाई तक कुचल देता है. मतलब, यह नवजात न्यूट्रॉन तारा पृथ्वी के किसी शहर में फिट हो सकता है. लेकिन यह फिर भी इतना घना रहता है कि इसके पदार्थ का सिर्फ एक चम्मच वजन 1 बिलियन टन से अधिक होगा.