Pacific Ocean Predator: पृथ्‍वी के महासागरों की खाइयां रहस्य में डूबी हुई हैं. सतह से 11 किलोमीटर गहराई तक जाने वाली इन खाइयों के अंधकार में एक अलग ही संसार बचा हुआ है. यहां के हर वर्ग इंच पर 16,000 पाउंड (करीब 7,257 KG) का दबाव पड़ता है. इतनी दुर्गम स्थितियों में भी जीवन पनपता है. दशकों से उनकी तलाश जारी थी मगर कामयाबी हाल के सालों में हाथ लगनी शुरू हुई है. अमेरिकी और चिली के रिसर्चर्स की ताजा स्टडी में, अटाकामा खाई के भीतर एक तेजतर्रार, भूतिया शिकारी का पता चला है.


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Dulcibella camanchaca नामक यह जीव एक एम्फीपॉड है. एम्फीपॉड, झींगा जैसे क्रस्टेशियंस का एक समूह है जो आम तौर पर समुद्री या मीठे पानी के ठिकानों में मलबा खाता है या भोजन की तलाश करता है.


अंधेरे में रहता है, इसलिए नाम रखा 'अंधेरा'


रिसर्चर्स ने 7,902 मीटर की गहराई पर Dulcibella camanchaca के चार प्राणियों को खोजा है. उन्होंने बताया कि इस प्रजाति का नाम 'कैमंचाका' पास के पश्चिमी दक्षिण अमेरिका की स्थानीय भाषाओं से 'अंधकार' के रूप में अनुवादित किया गया है. यह नाम उन्होंने उस अंधेरे की गहराई को दिखाने दर्शाने के लिए चुना, जिसमें यह जीव घूमता है.


खास शिकारी उपांगों की मदद से शिकार और भोजन करता है यह जीव. (Johanna Weston/WHOI)

Systematics and Biodiversity में छपी स्टडी के लेखकों के अनुसार, D. camanchaca या 'अंधेरा' इतनी गहराई में मिला पहला बड़ा, सक्रिय शिकारी एम्फीपॉड है. नई खोज दर्शाती है कि हम इन समुद्री अंडरवर्ल्ड के बारे में कितना कम जानते हैं. पृथ्‍वी पर ऐसी दुर्गम जगहों पर रिसर्च करने से हमें यूरोपा और एन्सेलाडस जैसे महासागरीय चंद्रमाओं पर एलियन जीवन की तलाश में मदद मिल सकती है.


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दूसरे एम्फीपॉड्स को खा जाता है यह शिकारी


D. camanchaca का सफेद रंग इतनी गहराई में मिलने वाले जीवों में आम है. इस प्रजाति की अधिकतम लंबाई 4 सेंटीमीटर पाई गई. अन्य एम्फीपॉड्स की तुलना में, यह भोजन की तलाश में फुर्ती से इधर-उधर भागता है. यह अपने गनाथोपोड्स की मदद से शिकार करता है और खाता है. समुद्री खाइयों में भोजन के विकल्प सीमित हैं, लेकिन यह दूसरे छोटे उभयचरों का शिकार करता है.


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