Europe new heavy satellite rocket launcher: क्या स्पेस इंडस्ट्री में खरबपति एलन मस्क की बादशादत कायम रह सकेगी. यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) आज शक्तिशाली लॉन्चर लॉन्चर एरियन- 6 (Ariane-6) की लॉन्चिंग करने वाली है. इसे आज राज फ्रेंच गुयाना से छोड़ा जाएगा. आधुनिक खूबियों से लैस इस रॉकेट के निर्माण पर 2014 से काम चल रहा था लेकिन 10 साल बाद अब जाकर कामयाबी मिल पाई है. इस लॉन्चिंग पर EU समेत नासा, इसरो और दुनिया के तमाम देशों की निगाहें लगी हुई हैं. अगर यह लॉन्चिंग सफल होती है तो एलन मस्क के धंधे को बड़ा नुकसान होना तय है. हालांकि दुनिया के बाकी देशों को निश्चित रूप से राहत मिलेगी. 


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पिछले साल रिटायर हुआ एरियन- 5


बताते चलें कि ESA अब तक  एरियन- 5 (Ariane-5) रॉकेट लॉन्चर से काम चला रही थी. यह हैवी सैटेलाइट को अंतरिक्ष में ले जाकर उन्हें उनकी कक्षा में स्थापित करने वाला भरोसेमंद लॉन्चर था. इसकी सफलता की दर 96 फीसदी थी. यानी उसने जितने भी प्रोजेक्ट हाथ में लिए, उनमें से 96 फीसदी पूरी हुए. केवल यूरोपीय देश ही नहीं बल्कि भारत समेत दुनिया के कई देशों ने उसके जरिए अपने हैवी सैटेलाइट लॉन्च किए थे. एरियन- 5 का वजन करीब 780 टन और लंबाई 50 मीटर था. उसने अपने कार्यकाल में कुल 117 हैवी सैटेलाइट लॉन्च किए, जिसमें 25 भारत के भी थे. हालांकि लंबी सेवा के बाद वह रॉकेट लॉन्चर 5 जुलाई 2023 को रिटायर हो गया. 


यूरोपियन रॉकेट के रिटायरमेंट से मस्क की हुई चांदी


पिछले साल एरियन- 5 के रिटायर होते ही खरबपति एलन मस्क की चांदी हो गई. उनकी अमेरिकन एयरोस्पेस कंपनी स्पेसएक्स ने मौके का फायदा उठाकर दुनियाभर से हैवी सैटेलाइटों के ऑर्डर बटोरे और अपने भारी भरकम फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए कई देशों के हैवी सैटेलाइट लॉन्च किए. हालांकि इस अभियान में एक बड़ी दिक्कत ये आ रही थी कि कई देश अपने जासूसी उपग्रहों को अमेरिकी रॉकेट लॉन्चर के जरिए अंतरिक्ष में नहीं पहुंचाना चाहते थे. ऐसा करने से उनकी सीक्रेसी भंग हो सकती थी और अमेरिका को उनके सैटेलाइटों की लोकेशन का पता चल सकता था. इसीलिए वे ESA से नए रॉकेट लॉन्चर एरियन- 6 (Ariane-6) को तेजी से बनाने का दबाव डाल रहे थे. 


3.6 बिलियन यूरो से बना रॉकेट


अब चूंकि ESA के नए नए रॉकेट लॉन्चर एरियन- 6 की आज लॉन्चिंग होने वाली है, इसीलिए इसकी विशेषताएं भी सामने आ गई हैं. इस रॉकेट की लंबाई 63 मीटर और वजन 860 टन है. इस रॉकेट को बनाने की लागत करीब 3.6 बिलियन यूरो है. इस रॉकेट की प्रत्येक लॉन्चिंग की लागत 115 मिलियन यूरो होने का अनुमान है. इस रॉकेट को यूरोपियन संघ के बिजनेस ग्रुप एरियन ग्रुप ने एरियनस्पेस कंपनी के तहत बनाया है. 


10 मिनट में 200 किमी की ऊंचाई


एरियनस्पेस कंपनी के मुताबिक यह रॉकेट सॉलिड रॉकेट बूस्टर से चलेगा और स्टार्गिंग की शुरुआती 10 मिनट में ही 200 किमी की ऊंचाई हासिल कर लेगा. इसके बाद वह क्रायोजेनिक लिक्विड ऑक्सीजन और हाइड्रोन गैस से बने ईंधन के जरिए स्पेस में आगे बढ़ेगा. अंतरिक्ष में सैटेलाइट लॉन्च कर देने के बाद वह वापसी की उड़ान शुरू करेगा. 


लॉन्चिंग से पहले ही मिले 30 ऑर्डर


कंपनी के सीईओ स्टीफ़न इज़राइल ने बताया कि लॉन्चिंग से पहले ही रॉकेट को 30 ऑर्डर मिल चुके हैं, जो इसमें दुनिया के भरोसे को बयां करते हैं. इस साल के आखिर में उसकी दूसरी ट्रायल लॉन्चिंग की जाएगी. उसके बाद हर साल 10 मिशन लॉन्च करके भारी सैटेलाइटों को अंतरिक्ष में लॉन्च किया जाएगा. 


एलन मस्क को लग सकता है झटका


जिस तरीके से एरियन- 6 को लेकर दुनिया के देशों का रिस्पॉन्स मिल रहा है, उससे एलन मस्क की कंपनी को बड़ा नुकसान होना तय माना जा रहा है. अगर यह लॉन्चिंग सफल रही तो दुनिया के देश अपने हैवी सैटेलाइटों को लॉन्च करवाने के लिए मस्क के बजाय एरियन- 6 का यूज करेंगे, जिससे एलन के मुनाफे पर चोट पड़ सकती है.