Heaviest Black Hole: सूरज से 33 गुना बड़ा, पृथ्वी के करीब... Milky Way गैलेक्सी का `सबसे भारी` ब्लैक होल मिला
Heaviest Black Hole In Milky Way: वैज्ञानिकों ने हमारी आकाशगंगा मिल्की वे का सबसे भारी ब्लैक होल खोज निकाला है. इसका द्रव्यमान हमारे सूरज से करीब 33 गुना ज्यादा है.
Biggest Black Hole In Our Galaxy: ब्रह्मांड की सबसे रहस्यमय चीजों में से एक हैं - ब्लैक होल. प्रकाश को भी कैद कर लेने वाले ये 'काले राक्षस' हर आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद हैं. एस्ट्रोनॉमर्स ने हमारी आकाशगंगा यानी 'मिल्की वे' के सबसे बड़े स्टेलर ब्लैक होल की खोज की है. यह ब्लैक होल पृथ्वी से महज 2,000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है. BH3 नाम के इस ब्लैक होल का द्रव्यमान हमारे सूर्य से 33 गुना ज्यादा है. स्टेलर ब्लैक होल तब बनते हैं जब विशाल तारे अपनी जिंदगी के आखिर में ढह जाते हैं. Milky Way में दर्जनों स्टेलर ब्लैक होल पाए गए हैं. अधिकांश का वजन सूर्य के द्रव्यमान से लगभग 10 गुना ज्यादा है लेकिन इतना भारी कोई नहीं. वैज्ञानिकों को BH3 ब्लैक होल का पता तब लगा जब उन्होंने 'अकीला' तारामंडल के एक तारे के घूमने में 'लचक' देखी. थोड़ी और रिसर्च पर पता लगा कि यह तारा एक विशालकाय ब्लैक होल के चक्कर लगाता है. BH3 ब्लैक होल की खोज यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) की गैया स्पेस ऑब्जर्वेटरी ने की है. गैया स्पेस टेलीस्कोप को 2013 में लॉन्च किया गया था.
'सबसे भारी' ब्लैक होल की खोज से चौंक उठे वैज्ञानिक
BH3 मिल्की वे में अब तक मिला सबसे भारी ब्लैक होल है जो एक तारे की मृत्यु से बना है. इसकी खोज इतनी अहम थी कि वैज्ञानिकों से वक्त से पहले ही उसकी जानकारी दुनिया को दे डाली. इससे बाकी देशों के एस्ट्रोनॉमर्स BH3 ब्लैक होल पर रिसर्च कर पाएंगे. BH3 ब्लैक होल की पृथ्वी से नजदीकी भी वैज्ञानिकों को हैरान करती है. गैया कोलैबरेशन में शामिल एस्ट्रोनॉमर, डॉ पास्क्वेले पनुजो ने कहा, 'यह पूरी तरह हैरान करने वाली बात है. यह हमारी आकाशगंगा में तारकीय मूल का सबसे विशाल ब्लैक होल है और अब तक खोजा गया दूसरा सबसे निकटतम ब्लैक होल है.'
Sagittarius A* के मुकाबले में यह वाला कुछ नहीं
BH3 हमारी आकाशगंगा का सबसे विशाल ब्लैक होल नहीं है. मिल्की वे का सबसे बड़ा ब्लैक होल Sagittarius A*, जो सूर्य के द्रव्यमान का चार मिलियन गुना है. Sagittarius A* मिल्की वे के केंद्र में मौजूद है. यह किसी तारे में विस्फोट से नहीं बना, बल्कि धूल और गैस के भारी बादलों के ढहने से बना है.
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि मिल्की वे में BH3 जैसे एक अरब स्टेलर ब्लैक होल हो सकते हैं. हालांकि, इन्हें ढूंढ़ना बेहद मुश्किल है क्योंकि अधिकतर के इर्द-गिर्द कोई और तारा चक्कर नहीं लगाता.