Science News: 1971 में नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिक विज्ञानी रोजर पेनरोस ने यह प्रस्ताव रखा कि एक घूमते हुए ब्लैक होल से ऊर्जा कैसे निकाली जा सकती है. उनके मुताबिक, ब्लैक होल की एक्रेशन डिस्क के चारों ओर एक हार्नेस बनाकर ऐसा किया जा सकता है. यहां पर गिरते पदार्थ को प्रकाश की गति के करीब त्वरित किया जाता है, जिससे कई तरंगदैर्घ्यों में ऊर्जा का उत्सर्जन शुरू हो जाता है.


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'ब्लैक होल मून' से अनलिमिटेड पावर!


कई वैज्ञानिकों ने सुझाया है कि एडवांस्ड एलियन सभ्यताएं इस तरीके (पेनरोस प्रक्रिया) से ऊर्जा प्राप्त कर सकते होंगे. हार्वर्ड के प्रोफेसर अवी लोएब वैज्ञानिकों की उस कड़ी में ताजा नाम हैं. उन्होंने हालिया पेपर में बताया है कि कैसे कोई भी उन्नत सभ्यता अपने ग्रह को अनंत काल तक ऊर्जा प्रदान करने के लिए 'ब्लैक होल चंद्रमा' पर निर्भर हो सकती है. उनका पेपर Illumination of a Planet by a Black Hole Moon as a Technological Signature हाल ही में अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी के रिसर्च नोट्स (RNAAS) में छपा है.


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ब्लैक होल से ऊर्जा खींचने के दो तरीके


1975 में, स्टीफन हॉकिंग ने कहा कि ब्लैक होल से फोटॉन, न्यूट्रिनो और कुछ अन्य बड़े कणों का उत्सर्जन होता है. इसे बाद में 'हाकिंग रेडिएशन' कहा गया. उसके बाद से ब्लैक होल को ऊर्जा के स्रोत के रूप में इस्तेमाल करने के प्रस्ताव मुख्य रूप से दो तरीके के आए हैं.


एक संभावना यह है कि ब्लैक होल की एक्रेशन डिस्क की कोणीय गति का दोहन किया जाए (पेनरोस प्रक्रिया) या उनके हाइपरवेलोसिटी जेट्स (शायद डायसन स्फीयर के रूप में) द्वारा उत्पन्न गर्मी और ऊर्जा को पकड़ा जाए. दूसरा तरीका कहता है कि ब्लैक होल पर पदार्थ डालने और परिणामस्वरूप हॉकिंग विकिरण का दोहन किया जा सकता है.


जिस तारे की मौत से पैदा होता है ब्लैक होल, मिनटों में उसे ही निगल जाता है... ब्रह्मांड में गूंजती हैं चीखें!


कभी खत्म नहीं होगी पावर की सप्लाई!


अपने पेपर में लोएब प्रस्ताव रखते हैं कि कैसे एक एडवांस्ड सभ्यता अपने ग्रह की परिक्रमा करने वाले ब्लैक होल का निर्माण करके बाद वाली प्रक्रिया पर निर्भर हो सकती है. यह ब्लैक होल बेहद छोटा होगा, बस कुछ सौ हजार टन के बराबर. अगर इसे अनियंत्रित छोड़ दिया जाए तो यह ब्लैक होल हॉकिंग रेडिएशन के उत्सर्जन के कारण सिर्फ डेढ़ साल में वाष्पित हो जाएगा. लेकिन लोएब के अनुसार, इसे प्रति सेकंड अपेक्षाकृत कम मात्रा में पदार्थ (2.2 किलोग्राम) जमा करके बनाए रखा जा सकता है. इसके बदले में, यह बिजली की अंतहीन आपूर्ति प्रदान करेगा.


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