Maldives sea level: धरती पर कई तरह की रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों को तरह-तरह की नई चीजें मिल रही हैं. आज भी धरती पर ऐसी कई चीजे मौजूद हैं जो वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बनी हुईं हैं. हाल ही में नेक्टन मालदीव मिशन (The Nekton Maldives Mission) के नाम से मालदीव के संमदर में एक प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा था. इस दौरान हिंद महासागर की हजारों फीट गहराई में रिसर्चर को अनोखी और रहस्यमयी दुनिया मिली. यहां हजारों फीट की गहराई में भी जीवन की मौजूदगी देखकर वैज्ञानिक दंग रह गए. हिंद महासागर के इस क्षेत्र में ज्यादातर छोटे जीव रहते हैं जो उन्हें शार्कों का शिकार होने से बचाती है.


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क्यों है यह जगह खास?


हिंद महासागर के जिस क्षेत्र में रिसर्च किया जा रहा था, वह बिलकुल अलग दुनिया है जो समुद्र तल से 1640 फीट नीचे गहराई में है. यह बेहद खतरनाक इसलिए भी हो जाती है क्योंकि यह जगह भूखी शार्कों से भरी हुई है. वैज्ञानिक इसे 'ट्रेपिंग जोन' के नाम से बुलाते हैं. यह हिंद महासागर के 'साथो राहा' के नजदीक है. 'सातो राहा' एक ज्वालामुखी है. जहां शार्क बेहद ही आक्रमक नजर आती हैं और झुंड में शिकार करती हैं. यह एक बिलकुल नए तरह का इकोसिस्टम है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) के मरीन ईकोलॉजिस्ट एलेक्स रोजर्स (Alex Rogers) ने कहा कि यह जीवन के लिए एक नई जगह साबित हो सकती है. यहां शार्क के अलावा कई शिकारी मछलियां भी मौजूद हैं.



ग्लोबल वार्मिंग मालदीव के लिए खतरा


अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे की मानें तो ग्लोबल वार्मिंग से मालदीव को बहुत खतरा है. ग्लोबल वार्मिंग की रफ्तार यही रही तो 2050 तक करीब 80% मालदीव मर चुका होगा. इस नई दुनिया को खोजने के बाद वैज्ञानिक ये समझने की कोशिश में हैं कि यह नया और अजीबोगरीब इकोसिस्टम कैसे तैयार हुआ होगा. इसके साथ वैज्ञानिक यह समझ पाएंगे की माइक्रोनेक्टन को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है.


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