Science News in Hindi: भारत के रक्षा बल विभिन्न कक्षाओं में अंतरिक्ष यान और डेटा रिले प्रणालियों से युक्त एक एकीकृत उपग्रह संचार ग्रिड बनाने की योजना बना रहे हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि अंतरिक्ष युद्ध के एक नए क्षेत्र के रूप में उभर रहा है.


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‘डिफसेट’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी के महानिदेशक एयर वाइस मार्शल पवन कुमार ने कहा कि रक्षा बल इस क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त बनाने के लिए अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के सिलसिले में अंतरिक्ष उद्योग के साथ सहयोग करने पर भी विचार कर रहे हैं.


'किसी एक सैटेलाइट पर निर्भर नहीं होनी चाहिए सर्विस'


सेटकॉम इंडस्ट्री एसोसिएशन-इंडिया द्वारा आयोजित डिफसेट सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में कुमार ने कहा, 'जब आप संचार की बात करते हैं, तो मुझे लगता है कि जिस तकनीक पर हम ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वह एकीकृत उपग्रह संचार ग्रिड है. हम नहीं चाहते कि कोई भी सेवा किसी विशेष उपग्रह पर निर्भर हो.'


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कुमार ने कहा, 'हम ट्रैकिंग और डेटा रिले सैटेलाइट सिस्टम पर भी विचार कर रहे हैं, क्योंकि इससे ओओडीए लूप के संबंध में मांग और डिलीवरी समय में कमी आएगी.' (भाषा इनपुट)


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