ISRO's first analog space mission Leh: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्रवार को कहा कि उसका ‘एनालॉग’ अंतरिक्ष मिशन लद्दाख के लेह में शुरू किया गया है. अंतरिक्ष एजेंसी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह मिशन पृथ्वी से परे स्थित किसी ‘बेस स्टेशन’ की चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरग्रहीय निवास स्थल की तरह काम करेगा. यह मिशन भारत के चंद्रमा पर मानव को भेजने की तैयारियों के मद्देनजर शुरू किया गया है.


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लेह से शुरू हुआ भारत का पहला एनालॉग अंतरिक्ष मिशन


इसरो ने कहा, ‘भारत का पहला एनालॉग अंतरिक्ष मिशन लेह से शुरू हुआ.’ एजेंसी ने बयान में आगे कहा, ‘मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र, इसरो, एएकेए स्पेस स्टूडियो, लद्दाख विश्वविद्यालय, आईआईटी बंबई और लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के सहयोग से यह मिशन अंतरग्रहीय आवास की तरह काम करेगा जो पृथ्वी से परे बेस स्टेशन की चुनौतियों से निपटेगा.’


लद्दाख के कठोर मौसम में रहने का प्रशिक्षण


संबंधित टीम यह भी अध्ययन कर रही है कि मानव शरीर लद्दाख में कठोर मौसम स्थिति के प्रति कैसे अनुकूल होता है, जो यह समझने में उपयोगी हो सकता है कि अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष जैसी परिस्थितियों के लिए कैसे अभ्यस्त हो सकते हैं. बताते चलें कि भारत 2035 तक अंतरिक्ष में मानव मिशन भेजने की तैयारी में जुटा है. अब तक ऐसा कारनामा दुनिया के 5-6 देश ही कर पाए हैं. अगर भारत ऐसा करने में सफल हो जाता है तो यह अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत के लिए एक और मील का पत्थर होगा. 


दुनिया में अफोर्डेबल एजेसी बनी इसरो


इसरो एजेंसी दुनिया में बजट लेवल पर अंतरिक्ष प्रक्षेपण करने के लिए जानी जाती है. जहां दुनिया की बाकी स्पेस एजेंसियां उपग्रह लॉन्च करने के लिए भारी भरकर फीस लेती हैं, वहीं इसरो इसी काम को महज आधे या एक तिहाई में कर देता है. इसके साथ ही एजेंसी की मिशन की सेफ्टी का ट्रैक रिकॉर्ड भी बेहतरीन है, जिसके चलते दुनियाभर में भारत की धाक बढ़ती जा रही है. 


(एजेंसी भाषा)