James Webb Telescope Image: जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने ब्रह्मांड को देखने का हमारा नजरिया बदल दिया है. इस खगोलीय दूरदर्शी ने ज्ञात ब्रह्मांड के सबसे पुराने तारों को देखा है. ऐसे ग्रहों की खोज की है जहां जीवन हो सकता है. जेम्स वेब टेलीस्कोप की खोजों ने खगोल विज्ञान के कई प्रमुख सिद्धांतों को चुनौती दी है. अपनी दूसरी सालगिरह पर, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने एक और खास नजारा दुनिया को दिखाया है.


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JWST की दूसरी सालगिरह पर अमेरिकी स्पेस एजेंसी, NASA ने Arp 142 की सबसे साफ तस्वीर जारी की है. यह आपस में टकरा रहीं आकाशगंगाओं की जोड़ी है जिसमें से एक पेंगुइन जैसी नजर आती है और दूसरी किसी अंडे जैसी. बड़ी और पेंगुइन जैसी दिखने वाली आकाशगंगा NGC 2936 है. जो अंडे जैसी दिखने वाली NGC 2937 गैलेक्सी को निगलने बढ़ रही है. एक दिन दोनों आकाशगंगाओं की टक्कर होगी और विलय से नई आकाशगंगा जन्म लेगी.


Arp 142 की टकराती आकाशगंगाओं का फोटो (क्रेडिट: NASA, ESA, CSA, STScI)

गैलेक्सी ने कैसे लिया पेंगुइन का आकार?


NASA के मुताबिक, पेंगुइन गैलेक्सी यानी NGC 2936 कभी मिल्की वे की तरह सर्पिलाकार थी. जैसे-जैसे विशाल अंडे जैसी गैलेक्सी लगभग 100,000 प्रकाश वर्ष दूर परिक्रमा करती है, पेंगुइन का आकार और भी अधिक बिगड़ता जाता है. जो कभी सर्पिल आकाशगंगा का केंद्र हुआ करता था, अब वह पेंगुइन की आंख बन गया है. आकाशगंगा की सर्पिल भुजाएं अब चोंच, पीठ और पूंछ में तब्दील हो गई हैं. पेंगुइन की चोंच और पूंछ जैसे पतले क्षेत्रों में गैस और धूल आपस में मिलकर नए तारे बनाते हैं.


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पेंगुइन के बाईं ओर मौजूद अंडे जैसी आकृति असल में एक घनी अंडाकार आकाशगंगा है. पेंगुइन से लंबी लड़ाई के बावजूद इसमें ज्यादा बदलाव नहीं आया है. हालांकि अंडा, पेंगुइन से बहुत छोटा दिखता है, लेकिन दोनों आकाशगंगाओं में द्रव्यमान की मात्रा लगभग समान है. इससे पता चलता है कि अंडा अब तक पेंगुइन द्वारा क्यों नहीं छीना गया है. नासा ने कहा कि पेंगुइन और अंडे का आखिरी विलय शायद अभी लाखों साल दूर है.