Lebanon pajor Waki Taki attack: इजरायल की आत्मा पर पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास के आतंकवादियों ने हमला किया तो नेतन्याहू ने आतंकवाद के दानव को जड़ से मिटाने के लिए जंग (Israel Hamas war) शुरू कर दी. 2023 से पहले महिलाओं और बच्चों को ढाल बनाकर खुद को बचाने वाले हमास के खिलाफ एक्शन जारी है. इस बीच यमन के हूती और लेबनान में एक्टिव हिजबुल्लाह मुस्लिम ब्रदरहुड के नाम पर इजरायल को सबक सिखाने की मंशा से उसपर हमले कर रहे हैं. कहावत है- सौ सुनार की और एक लोहार की. इस मिसाल को वाकई सच साबित किया, इजरायल ने जिसने पेजर अटैक से हिजबुल्लाह की हेकड़ी निकालते हुए उसे कभी न भूलने वाला सदमा दे गिया. 


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कैसे कसे गए हिजबुल्लाह के नट बोल्ट?


रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले पेजर पर एक मैसेज आया, अचानक बीप की आवाज हुई और चंद सेकंड में ही धमाका हो गया. पेजर की बैटरी के बगल में विस्फोटक रखा गया था. बैटरी का तापमान बढ़ाकर विस्फोट किया गया. इजरायल का दावा है कि उसने ईरानी फंड से पलने वाले हिजबुल्लाब को सही मौके पर सबक सिखाया है. 


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कहा जा रहा है कि करीब 3000 पेजरों में नियंत्रित धमाके करके हिजबुल्लाह को कड़ी चोट दी है. इजरायल ने इन पेजर में धमाकों के लिए जिस विस्फोटक का इस्तेमाल किया, उसे PETN यानी पेंटा एरिथ्रिटॉल टेट्रा नाइट्रेट कहा जाता है. ये एक तरह का प्लास्टिक बम है. ये पाउडर फार्म में होता है. हल्का और खतरनाक होने की वजह से इसे कैरी करना आसान होता है. वहीं इससे बने बम को डिटेक्ट करना भी आसान नहीं होता है. बताया जा रहा है कि ब्लास्ट हुए पेजरों में 5 और मैक्जिमम 20 ग्राम PETN का इस्तेमाल किया गया था.


न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हिज्बुल्लाह ने ताइवान की कंपनी 'गोल्ड अपोलो' को 3000 पेजर का ऑर्डर दिया था. हालांकि, ताइवान की कंपनी का कहना है कि ये पेजर्स उन्होंने एक यूरोपीय कंपनी के लिए बनाए थे. वहां से हिज्बुल्लाह तक कैसे पहुंचे, उन्हें जानकारी नहीं है. एक और न्यूज एजेंसी की मानें तो महीनेभर पहले 1000 पेजर्स की कंसाइनटमेंट आई थी. कहा जा रहा है कि इजरायली एजेंसी मोसाद ने पेजर की बैटरी के बगल में PETN रखा फिर मंगलवार को इन बैटरी का तापमान बढ़ाकर, पूरे लेबनान में सीरियल ब्लास्ट को अंजाम दिया गया. 


गौरतलब है कि पेजर एक कम्युनिकेशन डिवाइस होता है. यानी SMS भेजने का माध्यम. आपने या आपके परिजनों ने भी करीब 2 दशक पहले इस  पेजर का इस्तेमाल किया होगा, जिसमें मैसेज आने पर लाइट ब्लिंक होती है और बीप बजते ही संदेश आने का पता चलता है. इस केस में पेजर के अंदर एक छोटा विस्फोटक लगाकर दूर से ही एक्टिवेट किया गया. यह एक्टिवेशन किसी रेडियो सिग्नल के जरिए भी किया जा सकता है. एक बार जब विस्फोटक को एक्टिवेट किया जाता है तो ये शक्तिशाली विस्फोट पैदा करता है. इस तरह पेजर खतरनाक प्लास्टिम बम बनकर आसपास की चीजों को धुआं धुआं कर देता है.


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क्या है PETN कितना अलग?


PETN ये एक केमिकल सब्सटेंस है.जो प्लास्टिसाइजर के साथ मिलकर प्लास्टिक विस्फोटक बनाता है. इसे पहचानना मुश्किल काम होता है. इस PETN को TNT की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है. इसे अनजाने में एक्टिवेट किया जा सकता है. ज्यादा स्टेबल होता है, इसलिए इसके अचानक विस्फोट होने की गुंजाइश बहुत कम होती है. इसे किसी भी चीज में छिपाया जा सकता है. इसकी 5 से 20 ग्राम मात्रा भी जानलेवा होती है. जैसे- हिज्बुल्लाह के पेजर में सिर्फ 5 से 20 ग्राम PETN रखा गया था, फिर भी इसके बड़ी तबाही मचाई है. PETN का अविष्कार जर्मनी में हुआ था. 1912 में जर्मन सरकार ने इसका प्रोडक्शन शुरू किया. पहले विश्व युद्ध में जर्मनी की सेना ने PETN का इस्तेमाल किया था.


भारत में PETN 


देश में PETN से हमला करने की साजिशें हो चुकी हैं. सात साल पहले 2017 में UP विधानसभा में 150 ग्राम PETN बरामद हुआ था. आतंकी PETN का इस्तेमाल इसलिए करते हैं, क्योंकि इसे डिटेक्ट करना काफी मुश्किल है. न तो एक्स-रे मशीन इसे आसानी से पकड़ पाती हैं और न ही स्निफर डॉग्स. PETN सेफ्टी की वजह से दुनियाभर के आतंकियों की पहली पसंद रहा है. दुनियाभर के आतंकी हमलों में इसका इस्तेमाल हो चुका है. 


बताया जा रहा है कि ये कंसाइनमेंट लेबनान पहुंचने से पहले इजरायल की खुफिया एजेंसी के हाथ लग गई और उसने चंद सेकेंड्स में बड़ा 'खेला' कर दिया.