Mars News: मंगल ग्रह इतना लाल क्यों? युद्ध के देवता से कैसा कनेक्शन, कहानी दूसरी दुनिया की
MARS Facts: धरती पर रहने वाले हम इंसानों को चमकीले तारे आकर्षित करते रहे हैं. ऐसे ही एक ग्रह के करीब पहुंचने की अब कोशिश हो रही है. वह है मंगल ग्रह. हां, जिसे हम लाल ग्रह भी कहते हैं. बहुत कुछ पृथ्वी से मेल खाता है लेकिन जीवन की संभावनाएं फिलहाल नहीं हैं. पहले वहां पानी होने के सबूत जरूर मिल रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि साइंटिस्ट फिर ढूंढ क्या रहे हैं?
Mars Latest News: इस समय दुनियाभर के साइंटिस्ट दूसरी दुनिया की तलाश कर रहे हैं. जी हां, धरती से करीब मंगल ग्रह के बारे में नई-नई जानकारियां इकट्ठा की जा रही हैं. कोई मंगल पर बस्ती बसाने की बातें कर रहा है तो कोई धरती के बाद मंगल को विकल्प कह रहा है. ऐसी तमाम संभावनाओं पर चल रही चर्चाएं लोगों में एक कौतूहल पैदा कर रही हैं. बुजुर्गों को लग रहा है कि ऐसा कैसे हो पाएगा. युवा जोश आशा से भरपूर है कि वो दिन आएगा जब धरती से मंगल पर आना जाना संभव हो जाएगा. ऐसे में यह समझना दिलचस्प है कि मंगल यानी Mars Planet पर ऐसा क्या है जो पूरी दुनिया धरती से पलायन कर वहीं बसने के सपने देख रही है.
1. कैसा है लाल ग्रह
- सौर मंडल में सूर्य से चौथा ग्रह मंगल ही है. यह एक धूल भरा, ठंडा, रेगिस्तान है. इस ग्रह पर भी मौसम होते हैं. ध्रुवों पर बर्फ हो सकती हैं. वहां निष्क्रिय ज्वालामुखी और घाटियां हैं.
- मंगल हमारे सौर मंडल में सबसे ज्यादा खोजे गए पिंडों में से एक है. खास बात यह है कि ये एकमात्र ऐसा प्लैनेट है जहां इंसानों ने घूमने के लिए रोवर भेजे हैं. नासा के मिशनों को इस बात के कई सबूत भी मिले हैं कि अरबों साल पहले मंगल ग्रह पर काफी पानी था और यह गर्म था.
2. मंगल पर कब आई थी बाढ़?
- साइंटिस्ट तो यह भी मानते हैं कि करीब 3.5 अरब साल पहले मंगल ग्रह पर भीषण बाढ़ आई थी. पानी कहां से आया, कब तक रहा और कहां चला गया... यह किसी को नहीं पता है.
- मंगल पर खाई धरती पर सबसे बड़ी खाई से भी बड़ी है. माना जाता है कि मंगल की सतह पर धूल भरे तूफान उठते रहते हैं.
- मंगल पर वातावरण का प्रेशर धरती की तुलना में काफी कम है इसलिए वहां जीवन की संभावनाएं फिलहाल बहुत मुश्किल हैं.
3. युद्ध के देवता से कैसी समानता?
- मंगल ग्रह का नाम रोमनों ने अपने युद्ध के देवता के नाम पर रखा था. मंगल का लाल रंग खून यानी ब्लड से मिलता जुलता है. मिस्र के लोग इसे 'हर डेसर' कहते थे, जिसका मतलब 'लाल' होता है. आज भी इसे लाल ग्रह कहा जाता है क्योंकि मंगल की मिट्टी में लौह खनिज में जंग लगने की वजह से वातावरण और मिट्टी लाल दिखाई देती है.
4. साइंटिस्ट क्या ढूंढ रहे?
- वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर इस समय जीवन होने की उम्मीद नहीं कर रहे. वे तो जीवन के संकेतों की तलाश कर रहे हैं जो बहुत पहले मौजूद रहा होगा, जब मंगल गर्म था और पानी से भरपूर था.
- 2,106 मील (3,390 किमी) की रेडियस वाला मंगल ग्रह पृथ्वी के आकार का लगभग आधा है. सूर्य के प्रकाश को मंगल तक पहुंचने में 13 मिनट लगते हैं.
5. मंगल पर एक साल कितने महीने का
- मंगल ग्रह सूर्य की परिक्रमा करता है और यह हर 24.6 घंटे में एक चक्कर पूरा करता है, जो पृथ्वी पर एक दिन के लगभग समान है. हालांकि मंगल सूरज की एक परिक्रमा धरती के 687 दिनों में करता है यानी मंगल का एक साल धरती के 23 महीने के बराबर होगा.
6. मंगल मिशन कब
- सब कुछ ठीक रहा तो इंसानों को लेकर पहला मंगल मिशन 10 साल के भीतर रवाना हो सकता है. इसके तहत नासा की योजना अंतरिक्षयात्रियों को मंगल पर उतारना, मंगल की परिक्रमा और उन्हें वापस धरती पर लाने की है. इससे पहले दुनिया के चौथे देश के तौर पर भारत ने 5 नवंबर 2013 को अपना मंगलयान भेजा था.
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