James Webb Space Telescope: जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की हालिया तस्वीरें देखकर वैज्ञानिक चकित हैं. ब्रह्मांड के शुरुआती समय की इन तस्वीरों में सैकड़ों बेहद छोटे लाल बिंदु नजर आ रहे हैं. माना जाता है कि ये बिंदु असल में प्राचीनतम आकाशगंगाएं हैं जिनमें बेहद प्राचीन तारे और शायद सुपरमैसिव ब्लैक होल भी हों. JWST की नई खोज ब्रह्मांड के विकास से जुड़े वर्तमान मॉडलों के कुछ हिस्सों को चुनौती देती है. ब्रह्मांड के शुरुआती एक अरब सालों में आकाशगंगाएं और ब्लैक होल कैसे बड़े हुए, यह रहस्य गहरा गया है.


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JWST ने जो फोटो लिए हैं, वे उस समय के हैं जब ब्रह्मांड सिर्फ 600 से 800 मिलियन साल पुराना था. यानी वर्तमान 13.8 बिलियन साल आयु का सिर्फ 5%, इतनी दूरी के बावजूद ये पिंड ब्रह्मांडीय इतिहास के बेहद शुरुआती दौर में बने.


JWST की इन तस्वीरों में ब्रह्मांड का वह रूप दिख रहा है जब उसकी आयु 600 से 800 मिलियन साल थी.

इन लाल-लाल बिंदुओं में क्या राज छिपा है?


थोड़ी और रिसर्च के बाद, वैज्ञानिकों ने पाया कि इन लाल बिंदुओं के भीतर तारे मौजूद हैं जो करोड़ों साल पुराने हैं, जो कि उनकी प्रारंभिक ब्रह्मांड में उत्पत्ति को देखते हुए कहीं अधिक पुराने हैं. उन्हीं इलाकों में, अतिविशाल ब्लैक होल के अवशेष पाए गए, जिनमें से कुछ का द्रव्यमान हमारी आकाशगंगा के केंद्रीय ब्लैक होल, Sagittarius A* के द्रव्यमान से 100-1000 गुना अधिक था.


ब्रह्मांड के विकास से जुड़े वर्तमान सिद्धांत कहते हैं कि ब्लैक होल और आकाशगंगाएं अरबों सालों में एक साथ विकसित होते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस खोज को वर्तमान मॉडल में फिट करने के लिए वैज्ञानिकों को यह मानना पड़ेगा कि बिग बैंग के बाद इनका 'भयानक तेज गति से' विस्तार हुआ.


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ब्लैक होल या गैलेक्सी? ये क्या हैं?


वैज्ञानिक इन लाल बिंदुओं का समझाने के लिए दो थ्‍योरी पेश कर रहे हैं. एक के मुताबिक, ये सुपरमैसिव ब्लैक होल हो सकते हैं जो शायद जिन आकाशगंगा में हों, उससे भी बड़े हों. दूसरी थ्‍योरी कहती है कि ये खरबों तारों वाली बेहद घनी आकाशगंगाएं हैं. इस खोज को और भी जटिल बनाने वाली बात यह है कि ये ब्लैक होल अन्य ब्लैक होल की तरह एक्स-रे उत्सर्जन नहीं करते हैं.


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