`30 मिनट में पूरी दुनिया तबाह...` सूरज और धरती के बीच 2 घंटे तक चला भयंकर `बवाल`, सनसनीखेज घटना से हर कोई हैरान
NASA warning on solar storm: आसमान में एक भयंकर सोलर तूफान ने कोहराम मचा दिया. जिसके बाद एक दो घंटे की सनसनीखेज घटना घटी. जिससे सभी हैरान है. आइए जानते हैं पूरा मामला, जानें चांद, सूरज और धरती के बीच ऐसा क्या हुआ? क्यों 30 मिनट में पूरी दुनिया तबाह हो सकती है.
Solar Storm: नासा समेत दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियों ने पहले ही चेतावनी दे रखी है कि एक सौर तूफान धरती की तरफ आ रहा है, इसी बीच आसमान में सोलर तूफान की वजह से ऐसी घटना घट गई जो बहुत ही दुर्लभ थी. विशाल सौर तूफान ने सूर्य और पृथ्वी के बीच दुर्लभ 2 घंटे का चुंबकीय राजमार्ग खोल दिया. इस सनसनीखेज घटना ने सूर्य पर दुर्लभ अरोरा को ट्रिगर किया और जो दो घंटे तक चला. इस घटना का वीडियो भी सामने आया है.
सोलर तूफान ने पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के एक हिस्से को पूरी तरह से किया तबाह
पिछले साल अप्रैल में भड़के एक विशाल सौर तूफान ने पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के एक हिस्से को पूरी तरह से नष्ट कर दिया था, जिससे ग्रह के मैग्नेटोस्फीयर में बदलाव आया. इस दुर्लभ घटना के परिणामस्वरूप, सूर्य और पृथ्वी के बीच एक दो-तरफा राजमार्ग अस्थायी रूप से खुल गया, जिससे दोनों दिशाओं में आवेशित कण भेजे गए और दोनों छोर पर ऑरोरा चमकने लगे.
इस घटना के बारे में नासा ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया है. जिसमें लिखा 'तूफ़ान के दौरान कुछ समय के लिए सूर्य और पृथ्वी के बीच एक दो-तरफ़ा “राजमार्ग” बन गया. दूसरे शब्दों में कहे तो सूर्य से पृथ्वी की ओर जाने वाला सामान्य एक-तरफ़ा प्रवाह अचानक दोनों दिशाओं में चलने लगा, जिसके बाद सूरज से धरती और धरती से सूरज की तरफ कण आ रहे थे.'
आप भी देखें वीडियो
वैज्ञानिकों के मुताबिक, यदि आपके पास सुपर-विज़न होता तो आप सूर्य पर एक ऑरोरा भी देख सकते थे, क्योंकि हमारे ग्रह के कण सूर्य के वायुमंडल से टकरा रहे थे." वास्तव में यह सौर ऑरोरा सूर्य की चमक के सामने देखने के लिए बहुत मंद होता, लेकिन नासा के मैग्नेटोस्फेरिक मल्टीस्केल (MMS) अंतरिक्ष यान द्वारा आवेशित कणों की बारिश का पता लगाया गया, जो पृथ्वी के अल्फ़वेन पंखों से उड़ा. सौर मंडल के हमारे कोने में दुर्लभ होने के बावजूद, अल्फ़वेन पंख वास्तव में ब्रह्मांड में कहीं और बहुत आम हैं. उदाहरण के लिए, गैस दिग्गजों के क्षेत्र में, ये चुंबकीय पंख आवेशित कणों को अपने चंद्रमाओं आयो और गेनीमेड से बृहस्पति तक पहुँचने की अनुमति देते हैं, जिससे विशाल ग्रह के भव्य पराबैंगनी ऑरोरा उत्पन्न होते हैं.
सोलर तूफान से दुनिया में भय?
स्पेस डॉट कॉम वेबसाइट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, धरती की तरफ तीन अलग-अलग कोरोनल मास इजेक्शन (CME) बढ़ रहे हैं, जिसका मतलब है कि इस सप्ताह अमेरिका और यूरोप में कई सारी तबाही दिख सकती है. CME चुंबकीय क्षेत्र और प्लाज्मा का वह विशाल विस्फोट हैं जो सूर्य से निकलने वाले सौर फ्लेयर्स से उत्पन्न होते हैं, जो पृथ्वी पर हमारे लिए शक्तिशाली भू-चुंबकीय तूफानों का कारण बन सकते हैं. स्पेसवेदर डॉट कॉम के मुताबिक, अनुसार, तीसरा और अंतिम कोरोनल मास इजेक्शन (CME) जो 8 अगस्त को सूर्य की सतह से फटा था, जो 1,000 किमी/सेकंड (2.2 मिलियन मील प्रति घंटे) से अधिक तेज़ गति से आगे बढ़ रहा है.
बस 30 मिनट और दुनिया हो जाएगी तबाह...
सोलर तूफान के खतरे को लेकर नासा ने लोगों को पहले से ही चेतावनी दी हुई है. नासा के मुताबिक, अगर भविष्य में कभी बहुत बड़ा सोलर स्ट्रोम या सौर तूफान आता है तो धरती पर केवल 30 मिनट पहले ही अलर्ट जारी किया जा सकेगा. अगर इन 30 मिनट में लोग खुद को सुरक्षित बचा लेते हैं, तब कुछ हद तक गुंजाइश बचेगी वरना तबाही का मंजर देखने में थोड़ी भी देर नहीं लगेगी.
नासा कर रहा सोलर तूफान से बचाने के तरीके की खोज
सोलर स्ट्रोम के खतरे से दुनिया को बचाने के लिए नासा के वैज्ञानिक DAGGER नाम की एक नई तकनीक पर शोध कर रहे हैं. डेली स्टार में छपी एक खबर के मुताबिक DAGGER सोलर स्ट्रोम से जुड़ी अधिक जानकारी देने में मदद करेगा. इस तकनीक की मदद से सोलर तूफान का कुछ मिनट पहले अनुमान लगाया जा सकता है और इसकी दिशा भी बताई जा सकती है.
रेडिएशन का पूरी दुनिया पर असर
वैज्ञानिकों का कहना है कि सोलर तूफान से निकलने वाला रेडिएशन पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकता है. इतना ही नहीं यह धरती के आसपास के वातावरण में भी असर दिखाता है. इतिहास में पहले भी कई सोलर तूफान दर्ज किए जा चुके हैं. कनाडा के क्यूबेक शहर में एक सोलर तूफान साल 1989 में दर्ज किया गया था. इसकी वजह से पूरे शहर की बिजली लापता हो गई थी. वहीं साल 1859 में अमेरिका में महाशक्तिशाली सौर तूफान नोटिस किया गया था.
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