एक कप कॉफी का चमत्कार, मोटापे में आ सकती है कमी; जानें क्या है विज्ञान
एक कॉफी के एक एक्स्ट्रा कप पीने से वेट में कमी आ सकती है. इस संबंध में अमेरिका में शोध किया गया है और उसके कुछ नतीजे सामने आए हैं. शोध के मुताबिक एक्स्ट्रा एक कप कॉफी पीने से मोटापे को रोका जा सकता है, हालांकि इस विषय पर अध्ययन अभी भी जारी है.
Coffee and Weight Loss Relation: मोटापे का सामना करने वालों के लिए यह एक अच्छी जानकारी है. एक शोध के मुताबिक अगर आप दिन भर में तीन या चार कप कॉफी पीते है तो उससे कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से बच सकते हैं. यहां तक कि हॉर्ट रोग, टाइप 2 डायबिटीज और कैंसर के कुछ मामलों में यह बेहद कारगर है. यहां पर इसके पीछे के विज्ञान को समझना जरूरी है.
मोटापे और कॉफी में संबंध
आपने देखा होगा कि उम्र बढ़ने के साथ लोगों के वजन में भी इजाफा होता है. इस संबंध में दो तरह के समूहों पर अध्ययन किया गया जैसे कि ऐसे लोग जो शक्कर, जंक फूड, मसालेदार फूड का सेवन करते हैं और ऐसे लोग जो इनसे परहेज करते हैं. ऐसे लोग जो एक एक्स्ट्रा कप कॉफी पी रहे थे उनके वजन में एक्स्ट्रा कप कॉफी ना पीने वालों की तुलना में .12 किलोग्राम की कमी आई. यह अध्ययन चार साल के परीक्षण पर आधारित है. इसके विपरीत अगर कॉफी में शक्कर का सेवन कर रहे थे तो उनके वजन में 0.9 किलोग्राम की कमी हुई.
अमेरिका में शोध
शोधकर्ताओं ने संयुक्त राज्य अमेरिका के तीन बड़े अध्ययनों से डेटा को कंपाइल किया था. हेल्थ प्रोफेशनल फॉलो-अप अध्ययन में 50,000 से अधिक पुरुष स्वास्थ्य पेशेवर शामिल हैं और आहार और स्वास्थ्य परिणामों के बीच संबंधों की जांच की गई थी.सबसे पहले, निष्कर्ष एक जुड़ाव का प्रतिनिधित्व करते हैं, कार्य-कारण का नहीं। इसका मतलब यह है कि अध्ययन यह साबित नहीं करता है कि कॉफी का सेवन वजन में बदलाव का असली कारण है। बल्कि, यह दर्शाता है कि समय के साथ दो बदलाव एक साथ देखे गए।
दूसरा वजन के संबंध में निष्कर्ष बहुत मामूली थे एक कप कॉफी के आधार पर चार साल में औसतन 0.12 किलोग्राम वजन बढ़ने से रोका गया, जो प्रति वर्ष लगभग 30 ग्राम है. वजन नियंत्रित करने की चाह रखने वाले अधिकांश लोगों के लिए यह राशि बहुत मायने नहीं रखती. अंत में इस विश्लेषण में कॉफी में कैफीन की मात्रा में परिवर्तनशीलता पर विचार नहीं किया गया यह सिर्फ प्रति कप कैफीन की एक मानक मात्रा मान ली गई. हालांकि इस विषय पर और अध्ययन पर बल दिया गया है.