NASA DART Mission: NASA ने धरती को एस्टेरॉयड के हमले से बचाने वाले मिशन को टाला, जानें कब शुरू होगा Mission
नासा (NASA) ने धरती को एस्टेरॉयड्स से बचाने के लिए द डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट (Double Asteroid Redirection Test- DART) आगे बढ़ा दिया है. इस मिशन की मदद से नासा धरती के नजदीक घूम रहे बाइनरी एस्टेरॉयड सिस्टम डिडिमोस (Didymos) से अपने अंतरिक्ष यान टकराने की तैयारी कर रहा है.
नई दिल्ली: नासा (NASA) ने धरती को एस्टेरॉयड (Asteroid) के हमले से बचाने वाले मिशन को टाल दिया है. इस मिशन में नासा दो एस्टेरॉयड्स से अपने अंतरिक्ष यान टकराने की तैयारी कर रहा था, ताकि उनकी दिशा बदली जाए. फिलहाल, पृथ्वी को बचाने के इस मिशन को आगे बढ़ा (NASA Delays Launch Of DART) दिया गया है. आइए इस मिशन के बारे में सबकुछ जानते हैं.
नासा का ऐतिहासिक कदम
नासा इस मिशन को कब अंजाम देगा? क्या उससे पहले दोनों एस्टेरॉयड्स धरती से टकरा जाएंगे? ये सवाल आपको परेशान जरूर कर रहा होगा. आपको बता दें कि नासा (NASA) ने धरती को एस्टेरॉयड्स से बचाने के लिए द डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट (Double Asteroid Redirection Test- DART) आगे बढ़ा दिया है. इस मिशन की मदद से नासा धरती के नजदीक घूम रहे बाइनरी एस्टेरॉयड सिस्टम डिडिमोस (Didymos) से अपने अंतरिक्ष यान टकराने की तैयारी कर रहा है.
कब हो सकता है शुरू
एलन मस्क (Elon Musk) की स्पेसएक्स (SpaceX) कंपनी इस मिशन में नासा का साथ दे रही है. नासा (NASA) ने बताया कि आगामी 21 जुलाई से 24 अगस्त के बीच लॉन्च होने वाले इस मिशन को फिलहाल टाल दिया गया है. अब इसे 24 नवंबर 2021 से 15 फरवरी 2022 के बीच पूरा किया जा सकता है.
क्यों टालना पड़ा इस मिशन को
गौरतलब है कि इस मिशन को टालने का फैसला NASA साइंस मिशन डायरेक्टोरेट (SMD) ने लिया है. इनका कहना कि मिशन पूरा करने से पहले DART प्रोजेक्ट शेड्यूल के रिस्क मैनेजमेंट का सही से अध्ययन कर लेना चाहिए. वहीं नासा ने दावा किया है कि 24 नवंबर 2021 से 15 फरवरी 2022 के बीच लॉन्च करने से भी उनका यान डिडिमोस (Didymos) एस्टेरॉयड्स से अक्टूबर 2022 में ही टकराएगा. इस टकराव के पीछे नासा का मकसद है कि इससे खतरनाक एस्टेरॉयड की दिशा बदल दी जाए.
विज्ञान की दुनिया में नासा का ऐतिहासिक कदम
ऐसा पहली बार हो रहा है जब कोई अंतरिक्ष एजेंसी धरती की रक्षा के लिए एस्टेरॉयड से अपना यान टकराने जा रही है. इस मिशन के तहत रिस्क मैनेजमेंट जांच में पता चला कि डिडिमोस (Didymos) रिकॉन्सेंस, एस्टेरॉयड कैमरा फॉर ऑप्टिकल नेविगेशन (DRACO) और रोल-आउट सोलर एरे (ROSA) में कुछ तकनीकी खामियां हैं.
मिशन की सफलता और सुरक्षा नासा का उद्देश्य
NASA साइंस मिशन डायरेक्टोरेट (SMD) के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर थॉमस जुर्बचेन (Associate Administrator Thomas Zurbuchen) ने कहा कि नासा में मिशन की सफलता और उसकी सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखा जाता है. रिस्क मैनेजमेंट की जांच करने के बाद हमने एक दूसरी लॉन्च विंडो देखी है. पहली लॉन्च विंडो अभी बंद नहीं हुई है. जैसे ही हमें सारी सामग्रियां मिल जाएंगी तो दूसरी लॉन्च विंडो को इस मिशन के तहत रवाना किया जाएगा.
मिशन का उद्देश्य
इस मिशन के पीछे नासा का उदेश्य है कि धरती की ओर आ रहे एस्टेरॉयड्स से अंतरिक्षयान को टकरा कर उनकी दिशा में बदलाव किया जाए ताकि वह धरती के बगल से निकल जाए. नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार उनका अंतरिक्षयान अक्टूबर में डिडिमोस एस्टेरॉयड से टकराएगा, लेकिन वह सितंबर में ही उस एस्टेरॉयड के आसपास पहुंच जाएगा. इससे उस एस्टेरॉयड की गति और टकराव के बाद के खतरे का आकलन किया जाएगा.
क्या है इस मिशन का खर्च
नासा (NASA) का यह मिशन 69 मिलियन यूएस डॉलर्स यानी 499 करोड़ रुपए से ज्यादा का है. सितंबर और अक्टूबर के महीने में डिडिमोस और डाइमॉर्फोस, दोनों एस्टेरॉयड धरती से 1.10 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर होंगे. अंतरिक्षयान और दोनों एस्टेरॉयड्स की टक्कर पर नासा के अलावा जॉन हॉपकिंस एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी, प्लैनेटरी मिशन्स प्रोग्राम ऑफिस, मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर और नासा का प्लेनेटरी डिफेंस कॉर्डिनेशन ऑफिस नजर रखेगा.
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