NASA Hubble Telescope Images: नासा का हबल स्पेस टेलीस्कोप पिछले तीन दशक से वैज्ञानिकों की आंख बना हुआ है. पृथ्वी की निचली कक्षा में मौजूद इस टेलीस्कोप का मकसद ब्रह्मांड के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करना है. हबल टेलीस्कोप की इमेज लाइब्रेरी इतनी बड़ी है कि उस पर लगातार रिसर्च चलती रहती है. हाल ही में, हबल टेलीस्कोप ने सर्पिल आकाशगंगा UGC 12158 का फोटो लिया. पहली नजर में देखने पर लगता है कि किसी ने फोटो पर मार्किंग पेन चला दिया हो. यह कोई इमेज एडिटिंग का कमाल नहीं है, 100% असली फोटो है. फोटो के ऊपरी हिस्से में जो चार छोटी रेखाएं दिख रही हैं, वे असल में एक क्षुद्रग्रह यानी एस्टेरॉयड का रूट दिखाती हैं. जिस समय हबल UGC 12158 के फोटो उतार रहा था, उसके सामने से यह एस्टेरॉयड गुजर रहा था. टाइम एक्सपोजर की वजह से फोटो पर ऐसी लाइनें उभर कर आईं. एस्टेरॉयड का रूट थोड़ा कर्व्ड इसलिए है क्योंकि हबल स्थिर नहीं है. वह पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए तस्वीरें खींचता है.


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NASA के मुताबिक, यह एस्टेरॉयड हमारे सोलर सिस्टम की एस्टेरॉयड बेल्ट में मौजूद है. यानी UGC 12158 गैलेक्सी के मुकाबले, यह एस्टेरॉयड हबल से 10 ट्रिलियन गुना ज्यादा करीब है. यह फोटो देखकर आपको भले लगे कि एस्टेरॉयड ने फोटोबॉम्बिंग कर दी, लेकिन ऐसी तस्वीरें रिसर्च के लिहाज से अहम हैं. इस तरह के डेटा से एस्ट्रोनॉमर्स को हमारे सौरमंडल में मौजूद एस्टेरॉयड की संख्या जानने में मदद मिलती है.



वैज्ञानिकों ने शुरू की सौरमंडल के एस्टेरॉयड्स की गिनती


एस्ट्रोनॉमर्स ने हाल ही में हबल टेलीस्कोप की पुरानी तस्वीरें खंगाली हैं. पिछले 19 साल में हबल की खींची गईं 37,000 फोटोज का एनालिसिस किया गया. वैज्ञानिक 1,701 एस्टेरॉयड्स की पहचान करने में सफल रहे. इनमें से 1,031 ऐसे थे जिन्हें पहले कैटलॉग नहीं किया गया था. करीब 400 एस्टेरॉयड ऐसे थे जिनका आकार 1 किलोमीटर से कम था.


अरबों-खरबों तारों से भरी गैलेक्सी का नया फोटो, हबल टेलीस्कोप की खोज से झूम उठा नासा 


चूंकि हबल बड़ी तेजी से पृथ्‍वी का चक्कर लगाता है इसलिए वह अपने कैमरे में घुमक्कड एस्टेरॉयड्स की ट्रेल्स को कैद कर पाता है. धरती पर मौजूद टेलीस्कोप से देखने पर, एस्टेरॉयड फोटो पर एक लाइन छोड़ता है. वहीं, हबल की तस्वीरों में ये अचूक, घुमावदार रास्तों के रूप में दिखाई देते हैं. अधिकतर एस्टेरॉयड्स मेन बेल्ट में मौजूद हैं जो मंगल और बृहस्पति के बीच में स्थित है.