NASA Mars Mission: मंगल ग्रह पर हुआ अमंगल! नासा के हेलीकॉप्टर ने भरी आखिरी उड़ान
Mini Helicopter Last Flight: अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा (NASA) के मंगल (Mars) ग्रह पर पहुंचे इनजेन्यूटी हेलिकॉप्टर (Ingenuity Helicopter) ने आखिरी उड़ान 18 जनवरी 2024 को भरी. अप्रैल 2021 में भरी थी पहली उड़ान. यह हेलिकॉप्टर अब तक कुल 72 उड़ाने भर चुका है.
Mars Mini Helicopter: मंगल ग्रह(Mars) पर नासा के इनजेनुइनिटी हेलीकॉप्टर (Ingenuity Helicopter) ने अब काम करना बंद कर दिया है. आपको बता दें इसे मिनी हेलीकॉप्टर(Mini-Helicoptor) के नाम से भी जाना जाता है. बिल नेल्सन(Bill Nelson) ने 26 जनवरी 2024 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह जानकारी साझा की है. बिल नेल्सन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रशासक(Administrator) हैं. इस हेलीकॉप्टर के पंख (ब्लेड) खराब हो गए हैं, जिसकी वजह से अब ये हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाएगा. बता दें कि अप्रैल 2021 में ये हेलीकॉप्टर मंगल ग्रह पर पहली उड़ान भरके इतिहास रचा था. नासा ने बताया कि अभी हेलीकॉप्टर से संपर्क बना हुआ है, लेकिन ये मिशन अब आधिकारिक रूप से खत्म कर दिया गया है. पिछले तीन वर्षों में इस मिनी हेलीकॉप्टर ने कुल 72 उड़ानें भरी हैं.
जानिए कितने अरब का था ये मिशन?
दरअसल, इस मिनी हेलीकॉप्टर को 6 वर्षों के मेहनत के बाद 18 फरवरी 2021 को मंगल ग्रह पर उतारा गया था. ठीक इसके 2 महीने बाद 19 अप्रैल 2021 को इनजेनुइनिटी हेलीकॉप्टर ने पहला उड़ान भरी थी. इस ऐतिहासिक घटना का नासा ने लाइव प्रसारण किया था. ऐसा पहली बार हुआ था कि दूसरे ग्रह पर किसी हेलीकॉप्टर को भेजा गया हो और वह ठीक तरीके से उड़ान भर पाया हो. इस मिशन का कुल खर्च 8.5 करोड़ डॉलर यानी 6 अरब रुपये था.
अंतिम उड़ान की जानकारी
18 जनवरी 2024 को इस मिनी हेलीकॉप्टर ने मंगल ग्रह पर अंतिम उड़ान भरा. ये इसका 72वां उड़ान था. उस दिन ये हेलीकॉप्टर 40 फीट की ऊंचाई तक गया और 4.5 सेकंड के बाद जमीन पर गिर गया. इनजेनुइनिटी हेलीकॉप्टर को जिस परसेवेरेंस नाम के रोवर पर सवार करके 2021 में मंगल ग्रह पर उतारा गया था, अंतिम उड़ान के समय रहस्यमयी तरीके से उससे संपर्क टूट गया. नासा ने मिनी हेलीकॉप्टर की आखिरी उड़ान की तस्वीर भी जारी की है. इस तस्वीर से ये अनुमान लगाया जा सकता है कि जमीन से टकराकर ब्लेड्स को नुकसान पहुंचा है. नासा ने भी इस बात की पुष्टि की है कि ब्लेड अब काम नहीं कर रहे हैं. बिल नेल्सन ने बताया है कि हम इस बात की जांच में लगे हुए हैं कि ब्लेड क्यों काम नहीं कर रहे हैं.
सिर्फ 30 दिनों का था मिशन
इस मिशन की खास बात ये है कि ये सिर्फ एक परीक्षण उड़ान मात्र था, ये मिशन सिर्फ 30 दिन का होना था जिसमें 5 उड़ानों की योजना थी. लेकिन ये लगभग तीन सालों तक काम करता रहा और कुल 72 उड़ानें भरी.
भविष्य के कुछ अभियान
इनजेनुइनिटी की सफलता को देखते हुए नासा ने 2022 में भविष्य के लिए मंगल अभियान पर दो और हेलीकॉप्टर भेजने का फैसला किया था. सोलर एनर्जी से चलने वाले इस हेलीकॉप्टर ने भविष्य के कई रास्ते खोले हैं. ना सिर्फ मंगल ग्रह पर बल्कि अब वैज्ञानिकों ने शुक्र ग्रह (Venus) और शनि(Saturn) के सेटेलाइट टाइटन पर भी ऐसा मिशन करने के बारे में सोचा है.