NASA Parker Solar Probe: नासा के पार्कर सोलर प्रोब ने ऐतिहासिक उड़ान के बाद पहला डीटेल्ड सिग्नल भेजा है. प्रोब ने 26 दिसंबर को पृथ्वी पर संकेत भेजकर अपने सेफ होने की जानकारी दी थी. NASA के मुताबिक, 1 जनवरी 2025 को, प्रोब ने विस्तृत टेलीमेट्री डेटा भेजा, जिससे पुष्टि हुई कि उसके सभी सिस्टम और वैज्ञानिक उपकरण सामान्य ढंग से काम कर रहे हैं. पार्कर सोलर प्रोब ने 24 दिसंबर 2024 को इतिहास रचा था. यह सूर्य के इतने नजदीक पहुंचने वाला पहला स्पेसक्राफ्ट बना.


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पार्कर सोलर प्रोब से पहले कोई भी चीज सूर्य के इतने करीब नहीं पहुंची थी. NASA का यह यान सूर्य की सतह से मात्र 61 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजरा. इस दौरान, स्पेसक्राफ्ट ने 6,92,000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति हासिल की, जिससे यह ब्रह्मांड में इंसान की बनाई सबसे तेज चीज बन गई. प्रोब ने सूर्य के कोरोना में दाखिल होते हुए लगभग 980 डिग्री सेल्सियस के तापमान का सामना किया.



पार्कर सोलर प्रोब की ऐतिहासिक उड़ान से हमें क्या पता चलेगा?


पार्कर सोलर प्रोब का मकसद सूर्य के बाहरी वातावरण, खासकर कोरोना की स्टडी करना है. वैज्ञानिक लंबे समय से यह जानने की कोशिश में लगे हैं कि सूर्य की सतह की तुलना में कोरोना लाखों डिग्री अधिक गर्म क्यों है. प्रोब ने 24 दिसंबर की उड़ान के दौरान जो डेटा जुटाया है, उससे इस रहस्य को सुलझाने में मदद मिलने की उम्मीद है.


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प्रोब की यह उड़ान न केवल तकनीकी लिहाज से अहम थी, बल्कि सूर्य के रहस्यों से पर्दा उठाने में भी मददगार होगी. इससे मिली जानकारी से सौर हवाओं, कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) और अन्य सौर गतिविधियों के बारे में हमारी समझ में इजाफा होगा. ये गतिविधियां पृथ्वी पर इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड और कम्युनिकेशन सिस्टम को प्रभावित कर सकती हैं.


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