नई दिल्ली: विज्ञान कभी-कभी हमें ऐसी खोज की ओर ले जाती है जिसके बारे में इंसान पहले कभी कुछ नहीं जानता था. ऐसी जानकारी न सिर्फ पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत को समझने में मददगार साबित होती है बल्कि इससे जीव-जन्तुओं के बारे में रोचक तथ्य भी सामने आ जाते हैं. ऐसी ही खोज हाल में वैज्ञानिकों ने की है और उन्होंने एक ऐसे केकड़े की पहचान की है जो करीब 10 करोड़ साल पुराना है.


क्यों कहा जा रहा 'अमर केकड़ा'?


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खास बात यह है कि एम्बर में मिले इस केकड़े को वैज्ञानिक जीवित मान रहे हैं और इसे 'अमर केकड़ा' तक कहा जा रहा है. समुद्र के भीतर एंबर में कैद होने की वजह से इस केकड़े का शरीर अब तक सुरक्षित है. खोज को समुद्री जीवन से जोड़कर भी देखा जा रहा है और इसके बारे में आगे भी डिटेल जानकारी जुटाई जा रही है. म्यांमार में इसकी खोज के बाद केकड़े के जीवाश्म को चीन के युन्नान प्रांत के एक म्यूजियम में प्रिजर्व किया गया था.


अमर केकड़े को क्रेटस्पारा अथानाटा (Cretaspara Athanata) नाम दिया गया है. अथानाटा का मतलब है अमर और क्रेट का मतलब खोल वाला और अस्पारा, दक्षिण-पूर्व एशिया के देवता को कहा जाता है. उभयचरी जीव और इसकी खोज के स्थान की वजह से केकड़े को यह नाम दिया गया है. इस बारे में डिटेल स्टडी साइंस एडवांसेस जर्नल में प्रकाशित की गई है.


डायनासोर युग से जुड़ा है नाम


हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में ऑर्गेनिक एंड इवोल्यूशनरी बायोलॉजी विभाग में पोस्टडॉक्टरल रिसर्चर जेवियर लुक ने बताया कि यह एक शानदार सैंपल है और अपने आम में कंप्लीट सैंपल है. केकड़े के शरीर पर एक भी बाल नहीं छूट रहा है, जो सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात है. केकड़े के एम्बर सैंपल पर रिसर्च करने वाले चीन, अमेरिका और कनाडा के वैज्ञानिकों ने छोटे केकड़े का नाम क्रेटस्पारा अथानाटा रखा. ये नाम डायनासोर युग की अवधि से जुड़ा हुआ है.


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इस तरह के एम्बर में फंसे जीवाश्म हाल के सालों में जीवाश्म विज्ञान की सबसे रोचक खोजों में से हैं. रिसर्चर्स का मानना ​​है कि क्रेटस्पारा न तो समुद्री केकड़ा था और न ही यह हमेशा जमीन पर रहने वाला था. उन्हें लगता है कि यह जंगल के तल पर खारे पानी में रहता होगा. यह केकड़ा साबित करता है कि डायनासोर युग के दौरान केकड़ों ने समुद्र से जमीन और ताजे पानी में शिफ्ट किया था. इसे समुद्री जीवन को लेकर हुई खोज में अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी माना जा रहा है.