अब अंतरिक्ष से आने वाले खतरों से बचना होगा मुश्किल! टूटा विश्व का सबसे बड़ा एंटीना

दुनियाभर के वैज्ञानिकों के माथे पर चिंता की लकीरें पड़ गई हैं. उनके सामने ऐसी मुश्किल आ गई है कि उन्हें समझ में नहीं आ रहा है, वे आखिर करें तो क्या करें.

ज़ी न्यूज़ डेस्क Wed, 18 Nov 2020-9:16 am,
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एंटीना खतरों की देता है जानकारी

इस ताकतवर एंटीने की मदद से वैज्ञानिक अंतरिक्ष से आने वाले खतरों जैसे एस्टेरॉयड्स, मेटियॉर्स आदि की जानकारी हासिल करते हैं. यह एटीना आर्सीबो ऑब्जरवेटरी में लगा है जो प्यूर्टो रिको में स्थित है. इसके संचालन का काम एना जी मेंडेज यूनिवर्सिटी, नेशनल साइंस फाउंडेशन और यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा मिलकर देखते हैं. 

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एंटीना में लगे हैं 40 हजार पैनल्स

इस ऑब्जरवेटरी में एक काफी बड़ा एंटीना लगा है. यह एंटीना 1007 फीट तीन इंच व्यास का है. यह धरती की तरफ आ रही खगोलीय वस्तुओं के बारे में वैज्ञानिकों को जानकारी देता है. इस एंटीने में 1007 फीट व्यास वाले 40 हजार एल्युमिनियम के पैनल्स लगे हुए हैं. इनकी मदद से सिग्नल रिसीव किए जाते हैं. इस एंटीना को आर्सीबो रडार कहते हैं.

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एंटीने को बनने में लगे थे 3 साल

इस एंटीने का निर्माण 1960 में शुरू हुआ था, जो 1963 में बनकर पूरा हुआ. ऑर्सीबो रडार यानी एंटीना कुल 20 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है. इसकी गहराई 167 फीट है. इस ऑब्जरवेटरी के जो केबल टूटे हैं, उनका वजन 5.44 लाख किलोग्राम था. 

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टूटे केबल का वजन 2.83 लाख किलो

इसके टूटे केबल पर 2.83 लाख किलोग्राम का वजन था. इसकी वजह से एंटीना के 100 फीट के हिस्से में बड़ा छेद हो गया है और इसका एक बड़ा हिस्सा टूटकर नीचे गिर गया है. इस एंटीने की मदद से दुनियाभर के वैज्ञानिक अंतरिक्ष पर नजर बनाए रखते हैं.

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पहले रक्षा प्रणाली में हुआ इस्तेमाल

इस एंटीना को बनाने के पीछे का मकसद रक्षा प्रणाली को मजबूत करना था. इसके जरिए प्यूर्टो रिको एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को मजबूत करना चाहता था. लेकिन बाद में इसका प्रयोग अंतरिक्ष से आने वाले खतरों के लिए किया जाने लगा और इसने वैज्ञानिकों को सही जानकारी उपलब्ध कराई.  

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एंटीने की जल्द होगी मरम्मत

इस एंटीना ने पिछले पांच दशक में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं, जिनकी मदद से मानव जाति को कई बार बचाया गया है. अब इस एंटीने को तत्काल मरम्मत की जरूरत है. चूंकि अगर अभी इसकी मरम्मत नहीं की गई तो यह पूरा गिर जाएगा और फिर इसे बनाने में काफी समय लग जाएगा.

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84.46 करोड़ रुपए का नुकसान

वैज्ञानिकों के अनुमान के अनुसार, इस ताकतवर एंटीने के टूटने से लगभग 89.46 करोड़ रुपए का भारी नुकसान हुआ है. ऑब्जरवेटरी के चीफ ने नेशनल साइंस फाउंडेशन से मरम्मत के लिए नुकसान की रकम की मांग की है.

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