Rajasthan News: परिवहन विभाग ने अब तक 4977 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित कर लिया है. दिसंबर 2024 तक के आंकड़ों में विभाग ने लक्ष्य का 95 फीसदी राजस्व अर्जित कर लिया है. हालांकि, समकक्ष माने जाने वाले खान विभाग की तुलना में परिवहन विभाग काफी पीछे है. दिसंबर तक के आंकड़ों को देखकर लगता नहीं कि इस साल विभाग अपने लक्ष्य की पूर्ति कर सकेगा.
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Rajasthan News: एक तरफ जहां खान विभाग राजस्व लक्ष्य पूर्ति को लेकर नया रिकॉर्ड बनाने जा रहा है. वहीं, परिवहन विभाग इस मामले में मौजूदा वित्त वर्ष में काफी पिछड़ा हुआ नजर आ रहा है. दरअसल, खान विभाग ने दिसंबर माह तक 6340 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित कर लिया है. यह पिछले वित्त वर्ष के दिसंबर माह से 1200 करोड़ रुपए अधिक है और विभाग ने 24 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की है, लेकिन इस मामले में परिवहन विभाग मौजूदा वित्त वर्ष में पिछड़ता नजर आ रहा है.
दिसंबर 2024 तक परिवहन विभाग ने 95.34 फीसदी राजस्व लक्ष्य अर्जित किया है. विभाग का इस वित्त वर्ष का कुल लक्ष्य 8100 करोड़ रुपए और दिसंबर तक का लक्ष्य 5220.69 करोड़ निर्धारित किया गया था. इसमें से विभाग ने 4977.55 करोड़ का राजस्व प्राप्त कर लिया है. दिसंबर तक के राजस्व अर्जन में जयपुर RTO द्वितीय पूरे प्रदेश में अव्वल है. अजमेर आरटीओ 103.78 फीसदी के साथ दूसरे नंबर पर हैं. सीकर तीसरे और जयपुर आरटीओ प्रथम चौथे स्थान पर रहे हैं. जयपुर आरटीओ प्रथम का राजस्व अर्जन 96.75 फीसदी रहा है. अलवर आरटीओ सभी 13 रीजन में सबसे पीछे रहा है.
जानिए, प्रदेश के आरटीओ की रैंकिंग
जयपुर द्वितीय अव्वल, 258.52 करोड़ लक्ष्य के विपरीत 275.22 करोड़ प्राप्त किए. अजमेर आरटीओ दूसरे पर, 435.8 करोड़ के विपरीत 452.29 करोड़ प्राप्त किए. सीकर आरटीओ तीसरे पर, 425.61 करोड़ में से 420.37 करोड़ अर्जित किए. जयपुर प्रथम चौथे पर, 914.06 करोड़ लक्ष्य में से 884.37 करोड़ रुपए प्राप्त किए. बीकानेर आरटीओ 5वें पर, 383.66 करोड़ में से 368.52 करोड़ अर्जित किए. उदयपुर आरटीओ छठे पर, लक्ष्य 475.32 करोड़, 456.33 करोड़ प्राप्त किए. जोधपुर आरटीओ 7वें पर, लक्ष्य 516.66 करोड़, 494.8 करोड़ प्राप्त किए. भरतपुर आरटीओ 8वें पर, लक्ष्य 178.99 करोड़,169.44 करोड़ प्राप्त किए. चित्तौड़गढ़ आरटीओ 9वें पर, लक्ष्य 328.31 करोड़, 305.52 करोड़ प्राप्त किए. कोटा आरटीओ 10वें पर, लक्ष्य 337.26 करोड़, 307.14 करोड़ प्राप्त किए. पाली आरटीओ 11वें पर, लक्ष्य 242.66 करोड़, 220.29 करोड़ प्राप्ति. दौसा आरटीओ 12वें पर, लक्ष्य 165.18 करोड़, 144.84 करोड़ प्राप्ति. अलवर आरटीओ 13वें पर, लक्ष्य 253.11 करोड़, 207.72 करोड़ प्राप्ति.
सवाल इस बात को लेकर भी उठ रहे हैं कि कुछ बॉर्डर वाले जिले, जहां पर परिवहन विभाग का स्कोप शुरू से अच्छा रहता आया है, वहां पर भी विभाग का राजस्व अर्जन काफी पीछे चल रहा है. मौजूदा वित्त वर्ष में गुजरात बॉर्डर से जुड़े डूंगरपुर की भी परफॉर्मेंस काफी खराब है, जबकि 3 साल पहले तक रतनपुर चेक पोस्ट पर एक अलग जिला हुआ करता था. अब जबकि विभाग ने चेक पोस्ट समाप्त कर दिए हैं, तब रतनपुर क्षेत्र का डूंगरपुर में मर्जर हो चुका है. इसके बावजूद भी डूंगरपुर राजस्व लक्ष्य पूरा करने में काफी पीछे है.
इस तरह तो कैसे राजस्व लक्ष्य पूरा करेगा परिवहन विभाग?
जिन जिलों में स्कोप, वहां भी परिवहन विभाग लक्ष्य से काफी पीछे है. डूंगरपुर जैसे बॉर्डर जिले में भी लक्ष्य से विभाग पिछड़ा. 79.73 करोड़ लक्ष्य में से महज 70.04 करोड़ की प्राप्ति हुई. विभागीय औसत 95 फीसदी से भी 8 फीसदी डूंगरपुर पीछे है. स्थाई डीटीओ नहीं लगाए जाने से डूंगरपुर डीटीओ पिछड़ रहा है. यहां फिलहाल उदयपुर डीटीओ अतुल शर्मा को अतिरिक्त चार्ज दिया गया है. अलवर डीटीओ की परफॉर्मेंस सभी 58 डीटीओ में सबसे खराब है. सवाई माधोपुर डीटीओ की परफॉर्मेंस तो अक्सर ही फिसड्डी रहती है. आबूरोड डीटीओ का राजस्व भी महज 78.70 फीसदी है.
रिपोर्टर- काशीराम चौधरी
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