Research on Obesity:  मोटापे की अपनी कई तरह की दिक्कत होती है. ना जानें कितनी बीमारियां घेर लेती हैं. अगर कोई बीमारी ना हो तो घर परिवार वाले, रिश्तेदार और दोस्त ही टोकने का काम करते हैं. सवाल यही कि कितना खाते हो या खाओगे. इन सबके बीच उम्मीद भरी खबर सामने आई है. चूहों पर किए गए क्लिनिकल ट्रायल में खुश करने वाली जानकारी मिली है. शोधकर्ताओं ने एक मोटे चूहे पर दवाओं का इस्तेमाल किया और पाया कि मोटे चूहे के वजन कमी आई और उस दौरान उसकी भूख में किसी तरह की कमी नहीं हुई.


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अगर ट्रायल हुआ कामयाब


शोधकर्ता कहते हैं कि यदि इंसानों पर ट्रायल कामयाब हुआ तो यह क्रांतिकारी बदलाव होगा. ऐसे लोग जो मोटापे का सामना कर रहे हैं बो खा पीकर भी अपने मोटापे को कम कर सकेंगे. ब्रेन सेल्स में एक एंजाइम एस्ट्रोसाइट्स होता है और चूहों पर जिस दवा का इस्तेमाल किया गया है वो दवा एस्ट्रोसाइट्स को निशाना बनाती है. इसकी वजह से वजह नियंत्रित या अनियंत्रित होता है. बता दें कि कोरिया के इंस्टीट्यूट फॉर बेसिक साइंस में अध्ययन किया जा रहा है.अभी तक मोटापा कम करने के लिए जिन दवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है उसमें हाइपोथैलमस को टारगेट किया जाता है. इसके जरिए भूख की मात्रा को नियंत्रित करते हैं. आईबीएस की न्यूरोसाइंटिस्ट मूनसुन सा के मुताबिक अब हम एस्ट्रोसाइट्स पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. हमारे दिमाग में हायपोथैलमस खाने और कैलोरी बर्न में नाजुक संतुलन बनाता है.हमें पता है कि हाइपोथैलमस एरिया में न्यूरॉन्स, फैट टिश्यू और मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करने का काम करते हैं लेकिन अभी भी बहुत कुछ साफ नहीं है.


मोटे चूहों पर अध्ययन


मोटे चूहे पर अध्ययन में पता चला कि GABRA5 neurons ग्रुप में फैट टिश्यू और फैट मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करने में सफलता मिली. इसका अर्थ यह है कि अगर GABRA5 न्यूरॉन्स में एक्टिविटी में कमी आई तो उसका सबसे बड़ा फायदा बिना भूख को कम किए वजन नियंत्रित सकेगा. सा और उनके सहयोगियों को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि एस्ट्रोसाइट्स GABRA5 न्यूरॉन्स के इस समूह की गतिविधि को नियंत्रित कर रहे थे. उन्होंने पाया कि स्वस्थ वजन वाले चूहों की तुलना में मोटापे से ग्रस्त चूहों के दिमाग में प्रतिक्रियाशील एस्ट्रोसाइट्स आम है.ये प्रतिक्रियाशील एस्ट्रोसाइट्स MAOB नामक एंजाइम को अधिक व्यक्त करते हैं, जो GABA नामक एक निरोधात्मक न्यूरोट्रांसमीटर का उत्पादन करता है. GABA में वृद्धि के कारण GABRA5 न्यूरॉन्स धीमा हो जाते हैं और ठीक से काम करना बंद कर देते हैं, जिससे वजन बढ़ने लगता है