Science News in Hindi: पृथ्वी की सतह के नीचे विशाल मात्रा में हाइड्रोजन गैस छिपी हुई है. Science Advances में छपी नई रिसर्च के अनुसार, भूमिगत चट्टानों और जलाशयों में लगभग 6.2 ट्रिलियन टन (5.6 ट्रिलियन मीट्रिक टन) हाइड्रोजन मौजूद है. यह मात्रा भूमिगत तेल भंडार (लगभग 1.6 ट्रिलियन बैरल) से 26 गुना अधिक है. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस हाइड्रोजन का एक छोटा हिस्सा भी हमारी ऊर्जा जरूरतों को सैकड़ों सालों तक पूरा कर सकता है.


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यू.एस. जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के पेट्रोलियम जियोकेमिस्ट जेफ्री एलिस के अनुसार, अगर हम इन भंडारों का केवल 2% (लगभग 124 बिलियन टन) भी इस्तेमाल करें, तो यह हमें 200 वर्षों तक साफ-सुथरी ऊर्जा प्रदान कर सकता है.


हाइड्रोजन: साफ-सुथरी ऊर्जा का सोर्स


हाइड्रोजन एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है. इसे वाहनों को ईंधन देने, औद्योगिक प्रक्रियाओं को ताकत देने करने और बिजली बनाने में इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके इस्तेमाल से कार्बन उत्सर्जन में कमी लाई जा सकती है, जिससे जलवायु संकट और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी. हालांकि, इन भंडारों की सटीक स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है. अधिकांश हाइड्रोजन शायद इतनी गहराई में या इतनी दूर स्थित है कि उनका आर्थिक रूप से दोहन करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है.


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रिसर्चर्स ने एक मॉडल का उपयोग करके भूमिगत हाइड्रोजन की मात्रा का अनुमान लगाया. इस अनुमान में गैस उत्पादन की दर, जलाशयों में फंसने की संभावना और चट्टानों से रिसाव जैसी प्रक्रियाओं को शामिल किया गया. इन भंडारों का इस्तेमाल करने से पहले हमें उनकी सटीक स्थिति, गहराई और आर्थिक दोहन की संभावनाओं का मूल्यांकन करना होगा.


अगर हम इन चुनौतियों का समाधान कर पाते हैं, तो हाइड्रोजन भविष्य में ऊर्जा उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण और स्वच्छ विकल्प बन सकता है.


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