लाल दानव तारे के साथ छिपा मिला ब्रह्मांड का `सबसे हल्का` ब्लैक होल, सूर्य से बस तीन गुना भारी है!
New Black Hole Discovery: वैज्ञानिकों ने एक अजीब बाइनरी सिस्टम में लाल दानव तारे के साथ मौजूद एक बेहद हल्के ब्लैक होल का पता लगाया है. इस ब्लैक होल का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से 3.1 से लेकर 4.4 गुना ही अधिक है.
Black Hole News: एस्ट्रोनॉमर्स ने ब्रह्मांड के 'सबसे हल्के' ब्लैक होल्स में से एक की खोज की है. यह ब्लैक होल बाइनरी सिस्टम G3425 में स्थित है. ब्लैक होल का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान का 3.1 से 4.4 गुना है. यह जिस लाल दानव तारे की परिक्रमा करता है, उसका द्रव्यमान हमारे सूर्य के द्रव्यमान का लगभग 2.7 गुना है. इस बेहद हल्के ब्लैक होल की खोज चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज (CAOS) में नेशनल एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेटरीज की एक टीम ने की है. इस टीम की कमान वांग सोंग के हाथों में है.
क्यों अनोखा है यह ब्लैक होल?
सोंग ने स्पेसडॉटकॉम से बातचीत में कहा, 'यह ब्लैक होल मशहूर द्रव्यमान अंतराल के भीतर आता है, जो इसे अब तक खोजे गए सबसे हल्के ब्लैक होल में से एक बनाता है.' उन्होंने कहा कि 'यह खोज न केवल द्रव्यमान अंतराल वाले ब्लैक होल के अस्तित्व की पुष्टि करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कम द्रव्यमान वाले ब्लैक होल वाले बाइनरी सुपरनोवा विस्फोट से बच सकते हैं.'
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सोंग और उनकी टीम ने गैया स्पेस टेलीस्कोप और Large Sky Area Multi-Object Fiber Spectroscopic Telescope (LAMOST) के डेटा की मदद से तारकीय द्रव्यमान वाले इस ब्लैक होल का पता लगाया. डेटा और तकनीकों के इस कॉम्बिनेशन से रिसर्चर्स को ब्लैक होल के अपने साथी लाल बौने तारे पर गुरुत्वाकर्षण 'खिंचाव' को ऑब्जर्व करने में मदद मिली.
'परफेक्ट सर्किल' है बाइनरी सिस्टम की कक्षा
G3425 एक विस्तृत बाइनरी है जिसकी परिक्रमा अवधि लगभग 880 पृथ्वी दिनों की है. इसकी कक्षा में शून्य 'उत्केन्द्रता' है जिसका मतलब है कि यह लगभग एक परफेक्ट सर्किल है. यह खोज बाइनरी विकास और सुपरनोवा विस्फोट के वर्तमान सिद्धांतों को चुनौती पेश करती है.