वैज्ञानिकों ने खोज निकाली Rainbow Fish, एक साथ कई रंगों से बिखेरती है सुंदरता
नेशनल ओशिएनिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के मुताबिक, रेनबो फिश पश्चिमी हिंद महासागर में पाई जाती है. यह समुद्र की गहराई में मिलने वाले कोरल रीफ (मूंगा पत्थरों) के बीच रहती है.
नई दिल्ली: अगर आप कभी मालदीव गए होंगे तो आपने बिना बारिश के मौसम के भी रेनबो देखा होगा. अगर नहीं तो अब की बार जब आप मालदीव जाएंगे तो जरूर ही ढूंढने की कोशिश कीजिए. दरअसल मालदीव के गहरे समुद्र में वैज्ञानिकों ने दुनिया की सबसे रंगीन मछली की खोज की है. यह मछली इसलिए खास है क्योंकि इसके शरीर पर इंद्रधनुष का हर रंग मौजूद है. फिलहाल ये पूरे विश्व में रेनबो फिश के नाम से काफी मशहूर हो रही है.
इस जगह मिली मछली
नेशनल ओशिएनिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के मुताबिक, रेनबो फिश पश्चिमी हिंद महासागर में पाई जाती है. यह समुद्र की गहराई में मिलने वाले कोरल रीफ (मूंगा पत्थरों) के बीच रहती है. USA टुडे के अनुसार समुद्र की इस जगह को ट्वाइलाइट जोन (Twilight Zone) भी कहते हैं. वैज्ञानिकों को यह मछली 160 से 500 फीट के बीच तैरती हुई मिली.
मालदीव के राजकीय फूल पर रखा नाम
वैज्ञानिकों ने इस मछली का ऑफिशियल नाम रोज वील्ड फेयरी रास रखा है. यह नाम मछली के सुंदर गुलाबी रंग को दर्शाता है. वहीं इसका साइंटिफिक नाम सिरहीलेब्रस फिनिफेन्मा (Cirrhilabrus finifenmaa) है. मालदीव की लोकल धिवेही भाषा में 'फिनिफेन्मा' का मतलब गुलाब होता है. यह नाम मालदीव के राजकीय फूल पिंक गुलाब को सम्मानित करने के लिए रखा गया है.
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फीमेल और मेल मछलियों के रंगों में अंतर
रिसर्चर्स ने इस मछली की प्रजाति पर खूब शोध किए और पाया कि मेल और फीमेल रेनबो फिश के रंग एक जैसे नहीं हैं. जहां मेल फिश में ज्यादा नारंगी, मैजेंटा और पीला रंग शामिल है, वहीं फीमेल फिश में लाल, गुलाबी और नीला रंग ज्यादा है.
1990 में पहचान को लेकर हुआ था कंफ्यूजन
वैज्ञानिकों ने कहा कि साल 1990 में भी इस तरह की खोज की गई थी. लेकिन रंगों में कंफ्यूजन होने के कारण इसकी प्रजाति को रेड वेलवेट फेयरी रास फिश समझ लिया गया था. बता दें कि रेड वेलवेट फेयरी रास यानी सिरहीलेब्रस रूब्रिस्क्वामिस भी एक रंगीन मछली है. ये पश्चिमी हिंद महासागर में पाई जाती है. रिसर्च में दोनों प्रजातियों का DNA टेस्ट किया गया, जिसमें पता चला कि ये 2 मछलियां एक दूसरे से बेहद अलग हैं. साथ ही इनकी शारीरिक संरचना और रंगों में भी अंतर है.
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