नई दिल्ली: मंगल (Mars) ग्रह पर जीवन है या नहीं, इस सवाल का जवाब तलाश करने के लिए वैज्ञानिक (Scientists) दिन-रात लगे हुए हैं. रिसर्च में मंगल ग्रह के बारे में काफी नई जानकारी सामने आई है. इसी बीच वैज्ञानिकों ने हैरान कर देने वाली खोज की है. जैकसन स्टेट यूनिवर्सिटी, कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी और यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के वैज्ञानिकों को पता चला है कि मंगल ग्रह पर 4 अरब साल पहले भयानक बाढ़ आई थी.


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लहरों के मिले निशान


वैज्ञानिक अल्बर्टो जी फाइरान ने बताया है कि Curiosity रोवर को मिले सेडिमेंटोलॉजिकल डेटा (Sedimentological Data) के आधार पर पहली बार भयानक बाढ़ का पता चला है. इससे पहले बाढ़ से पीछे रह गए डिपॉजिट्स को कभी पहचाना नहीं जा सका था. इसी महीने Scientific Reports जर्नल में छापी गई रिपोर्ट में Gale Crater और उसकी सेडिमेंटरी लेयर्स (Sedimentary Layers) से मिले डेटा को स्टडी किया गया है.


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इसकी मदद से पानी, हवा और दूसरे फैक्टर्स को समझा गया है. रोवर (Rover) को विशाल लहरों के निशान मिले थे, जिससे ये पता चलता है कि वहां बाढ़ आई थी. 


चांद पर तरल पानी हुआ करता था


शोधकर्ताओं का मानना है कि हो सकता है कि किसी उल्कापिंड की वजह से विशाल बाढ़ आई हो. इसकी वजह से मंगल ग्रह की बर्फ पिघल गई होगी और कार्बनडायऑक्साइड (Carbon Dioxide) और मीथेन (Methane) रिलीज होने लगीं. इससे मंगल पर हालात बदलने लगे होंगे. फिर भारी बारिश हुई होगी.


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मंगल पर झील में जीवन है? इस सावल का जवाब वैज्ञानिकों के पास है. हालांकि इसका खुलासा अभी तक सही तरीके से नहीं किया गया है. अल्बर्टो का कहना है कि स्टडी इशारा करती है कि शुरुआती दिनों में मंगल के हालात ऐसे थे कि वहां तरल पानी हुआ करता था. इससे संकेत मिलते हैं कि वहां जीवन संभव था लेकिन क्या वहां जीवन था? इसके जवाब ढूंढने में Perseverance रोवर मदद कर सकता है.


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