श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टी: श्रीलंका और भारत के बीच मौजूद मन्नार की खाड़ी (Bay of Mannar) में एक ऐसा समुद्री जीव पाया जाता है, जो 2 लाख 59 हजार रुपये प्रति किलोग्राम बिकता है. श्रीलंका और दक्षिण भारत में इसका शिकार ज्यादा किया जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इसकी स्मगलिंग बड़े पैमाने पर होती है.


इस काम आता है समुद्री खीरा


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बता दें कि इस जीव का नाम समुद्री खीरा (Sea Cucumber) है. इसका इस्तेमाल कैंसर के इलाज, कामोत्तेजना बढ़ाने वाली मेडिसिन, कॉस्मेटिक्स और तेल बनाने में होता है.


जान लें कि समुद्री खीरा एक 'एचिनोडर्म' जीव है. यह खीरे के जैसा दिखता है, इसलिए इसका नाम समुद्री खीरा है. ये लचीला और नरम होता है. समुद्री खीरे का समुद्र के इकोसिस्टम में अहम रोल है.


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एसिड को कम करता है समुद्री खीरा


रेत के नीचे दबे छोटे जीवों को समुद्री खीरा खाता है. फिर समुद्री खीरे के मल में अमोनिया, कैल्सियम और नाइट्रोजन निकलती है, जो कोरल रीफ (Coral Reef) के लिए फायदेमंद होता है. यह समुद्र में बढ़ रही एसिड की मात्रा को भी कम करता है.


इन देशों में है समुद्री खीरे की ज्यादा मांग


गौरतलब है कि चीन समेत साउथ-ईस्ट एशिया के कई देशों में समुद्री खीरे की मांग बहुत है. इसे पकाकर खाते हैं. साउथ ईस्ट एशिया में इससे Beche-De-Mer या Trepan बनाया जाता है. समुद्री खीरा खतरे को देखते ही अपनी आंतों और सूंड़ों को सख्त कर लेता है इसीलिए चीन में इसका इस्तेमाल कामोत्तेजना की दवाई बनाने में किया जाता है.


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बता दें कि ज्यादा शिकार होने की वजह से समुद्री खीरा विलुप्त हो रहा है. इस जीव की प्रजाति को स्मगलिंग की वजह से खतरा है. पिछले 41 साल में समुद्री खीरे की कीमत 50 गुना बढ़ गई है. 1980 में इसकी कीमत करीब 5 हजार 180 रुपये प्रति किलो थी, जो अब बढ़कर 20 हजार 721 रुपये प्रति किलो हो गई है. वहीं समुद्री खीरे की कुछ खास तरह की प्रजातियों कीमत 2.59 लाख रुपये प्रति किलो है.


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