नई दिल्ली: अंटार्कटिका पर हुए नवीनतम शोध में सामने आया है कि यहां बढ़ते शिप ट्रैफिक के कारण इकोसिस्‍टम बदल सकता है और आकार में इंग्‍लैंड से बड़े ग्‍लेशियर टूटकर समुद्र में बहने लग सकते हैं. यदि ऐसा हुआ तो यह दुनिया के लिए बड़ा खतरा बन सकता है.


जहाजों की ज्‍यादा आवाजाही अंटार्कटिका के प्राचीन समुद्री इकोसिस्‍टम के लिए खतरा


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हमारी सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के अनुसार, एक नई रिसर्च में दावा किया गया है कि शिप ट्रैफिक अंटार्कटिका के प्राचीन समुद्री इकोसिस्‍टम के लिए खतरा है. यह शोध 'प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज ऑफ द यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका' (PNAS) में प्रकाशित हुआ है. 


इस वजह से बढ़ रहा है मूवमेंट  


शिप का यह मूवमेंट मछली पकड़ने, पर्यटन, अनुसंधान और आपूर्ति से संबंधित कारणों की वजह से हो रहा है जिससे अंटार्कटिक महाद्वीप पर मानव का प्रभाव पड़ रहा है. 


कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता अर्ली मैकार्थी ने कहा कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो यहां कि अद्भुत जानवरों कहीं और ठिकाना बनाना होगा जो काफी कठिन काम है. 


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पहले से सात गुना बढ़ गया है श‍िप ट्रैफ‍िक 


जहाजों का ये मूवमेंट अंटार्कटिक प्रायद्वीप (विशेष रूप से एनवर्स द्वीप के पूर्व में) और दक्षिण शेटलैंड द्वीप समूह के लिए अंटार्कटिका के आसपास के अन्य स्थानों की तुलना में सात गुना अधिक हो गया है.


इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका के बाहर बंदरगाहों की पहचान की है जहां जैव सुरक्षा में बढ़ रही गतिविधियों को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है. इन पोर्ट के मदद से अनावश्‍यक जहाजों को इस क्षेत्र में आने से रोकने में हेल्‍प होगी. 


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